प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, रेहड़ी पटरी लगाने वाले कारोबारियों को लोन देने की योजना-. है इस योजना के तहत, कारोबारियों को व्यापार बढ़ाने के लिए लोन दिया जाता है इस योजना की शुरुआत 1 जून, 2020 को हुई थी स्ट्रीट वेंडर शहरी अनौपचारिक अर्थव्यवस्था के एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटक का प्रतिनिधित्व करते हैं और शहरवासियों के दरवाजे पर सस्ती दरों पर वस्तुओं और सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन्हें अलग संदर्भों में/त्रोंअलग क्षे विक्रेता, फेरीवाले, ठेलेवाला, रेहड़ीवाला, ठेलीवाला आदि के रूप में जाना जाता है। उनके द्वारा आपूर्ति की जाने वाली वस्तुओं में सब्जियां फल, रेडी ईट स्ट्रीट फूड-टू-, चाय, पकौड़े, ब्रेड, अंडे, कपड़ा, परिधान, जूते, कारीगर उत्पाद, किताबें, मोची, पान की दुकानें कपड़े धोने की सेवाएं आदि शामिल हैं। COVID महामारी और परिणामी लॉकडाउन ने सड़क विक्रेताओं की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। वे आमतौर पर छोटे पूंजी आधार के साथ काम करते हैं और हो सकता है कि उन्होंने लॉकडाउन के दौरान उसी का उपभोग किया हो। इसलिए, सड़क विक्रेताओं को अपना व्यवसाय फिर से शुरू करने के लिए कार्यशील पूंजी के लिए ऋण प्रदान करने की तत्काल आवश्यकता है।
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योजना के अंतर्गत लघु व्यापारियों को
10000 रूपये का ऋण दिया जायेगा। वहीं 12 महीने के
भीतर राशि वापस करने के बाद आपको दूसरी बार 20,000 रुपये और तीसरी बार 50,000 रुपये तक की राशि मिलती है
इस लोन को पाने के लिए किसी तरह की गारंटी की ज़रूरत नहीं होती.
इस योजना का मकसद, स्ट्रीट वेंडरों को वित्तीय सहायता देने के साथ-साथ, नियमित पुनर्भुगतान को प्रोत्साहित करना भी है. इस योजना का मकसद, डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना भी है
पात्रता
पात्र विक्रेताओं की पहचान निम्नलिखित मानदंडों के अनुसार की जाएगी
• शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) द्वारा जारी वेंडिंग प्रमाण-पत्र/पहचान पत्र रखने वाले स्ट्रीट वेंडरों की सर्वेक्षण में पहचान की गई है !
• शहरी स्थानीय निकायों की भौगोलिक सीमाओं में विक्रय करने वाले विक्रेताओं को यूएलबी द्वारा इस आशय का सिफारिश पत्र (एलओआर) जारी किया जाएगा।