KHABAR: एकात्म पर्व के समापन पर ओंकारेश्वर पहुंचे सीएम, बोले- भारत को शस्त्रों की परंपरा से भी सशक्त बनाना होगा, 29 राज्यों के 500 शंकरदूतों ने दीक्षा ली, पढ़े खबर

MP 44 NEWS May 2, 2025, 3:36 pm Technology

आदिगुरु शंकराचार्य की जयंती पर शुक्रवार को ओंकारेश्वर पहुंचे मुख्यमंत्री ने संत समागम में अपनी बात रखी। डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भारत को केवल शास्त्रों से नहीं, शस्त्रों की परंपरा से भी सशक्त बनाना होगा। इस मौके पर 500 शंकरदूतों को दीक्षा दी गई। अद्वैत लोक निर्माण और धार्मिक नगरों में शराब मुक्ति जैसे मुद्दों पर भी उन्होंने सरकार की नीतियां गिनाईं। सीएम ने कहा कि आदिगुरु शंकराचार्य ने धर्म जागरण के लिए शक्ति की आराधना की। आज ज्ञान, वैराग्य, अध्यात्म के साथ शक्ति संपन्न भारत की जरूरत है। उन्होंने कहा कि धर्म जागरण के लिए शंकराचार्य ने दंडी स्वामी के रूप में शक्ति की आराधना की। आज शास्त्रों, ज्ञान, वैराग्य, अध्यात्म और उन सभी विधाओं की जरूरत है। लेकिन भारत को शक्ति संपन्न बनाना है तो उसके लिए शस्त्रों की आवश्यकता है। समापन समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी। पांच दिवसीय एकात्म पर्व का समापन बता दें कि ओंकारेश्वर में चल रहे पांच दिवसीय एकात्म पर्व का समापन शुक्रवार को हो रहा है। समापन समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी सहित कई संत और अधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम आदिगुरु शंकराचार्य के प्रतिमास्थल के पास आयोजित किया गया। धर्म की स्थापना में नागा सन्यासियों ने दिए प्राण मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंच से कहा कि इस देश में धर्म की स्थापना के लिए नागा सन्यासियों तक ने अपने प्राण न्यौछावर किए हैं। हमारी सरकार भी धार्मिक कामों के लिए प्रतिबद्ध है। मैं पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रणाम करता हूं, जिन्होंने महाकाल लोक के साथ ओंकारेश्वर में अद्वैत लोक (एकात्म धाम) बनाने की परिकल्पना की। इस बार सरकार ने धार्मिक नगरों को शराब मुक्त करने का संकल्प लिया है। हर निकाय में गीता भवन सीएम ने कहा कि सरकार जनता की मनोभावना में होती है। सभी सांस्कृतिक पर्वों को सरकार के साथ मनाने का प्रयास किया है। सभी नगरीय निकायों में एक गीता भवन बनाया जा रहा है। एक दिसंबर के दिन गीता जयंती मनाएंगे। गोवर्धन पूजा के साथ होली, दीवाली जैसे सभी त्योहार धूमधाम से मनाएंगे। सरकार समाज के साथ खड़ी है। गोशाला, गोपालन के लिए कामधेनु योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत दूध उत्पादन के मामले में हम देश में तीसरे नंबर पर हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी सहित कई संत मंच पर मौजूद रहे। स्वामी अवधेशानंद बोले- मोहन जी को सीएम नर्मदा और क्षिप्रा ने बनाया जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य ने एकात्मकता की बात की है। पूरे विश्व को जोड़ना है तो उसके लिए एकात्म दर्शन जरूरी है। उन्होंने पूरे विश्व की एकता की बात कही है। यह अद्वैत शंकर का दर्शन नहीं, बल्कि ईश्वरीय दर्शन है। शंकराचार्य तो केवल माध्यम हैं। ओंकारेश्वर में अद्वैत लोक बन रहा है अवधेशानंद गिरी ने कहा कि ओंकारेश्वर में अद्वैत लोक बन रहा है, जहां अद्वैत दर्शन को लेकर रिसर्च और अध्ययन होगा। मैंने मुख्यमंत्री मोहन यादव से बातचीत में महसूस किया कि उनका चयन भले ही लोकतांत्रिक प्रक्रिया से हुआ हो या लोकतंत्र के गणमान्य लोगों ने किया हो, लेकिन मुझे लगता है कि उनका मुख्यमंत्री पद के लिए चयन मां नर्मदा, क्षिप्रा और बाबा महाकाल, ओंकार ने किया है। सुबह 6 बजे दीक्षांत समारोह में 29 राज्यों से आए 500 शंकरदूतों को मिली दीक्षा। 500 शंकरदूतों ने नर्मदा पट पर दीक्षा ली ओंकारेश्वर के नर्मदा स्थित अभय घाट पर शुक्रवार सुबह 6 बजे दीक्षांत समारोह हुआ। इस दौरान अलग-अलग 29 राज्यों से आए 500 शंकरदूतों को स्वामी अवधेशानंद गिरी ने दीक्षा दी। इनमें खंडवा से शंकरदूत के रूप में पृथ्वी सिंह और अनिमेष शामिल हुए। शंकरदूतों का उद्देश्य शंकराचार्य जी के दर्शन और अद्वैत का लोकव्यापक प्रचार-प्रसार करना है। इंदौर से बाय रोड ओंकारेश्वर पहुंचे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सुबह 9 बजे इंदौर से बाय रोड ओंकारेश्वर पहुंचे। ओंकारेश्वर के नर्मदा स्थित अभय घाट पर सुबह 6 बजे दीक्षांत समारोह हुआ। इस दौरान अलग-अलग 29 राज्यों से आए 500 शंकरदूतों का स्वामी अवधेशानंद गिरी ने दीक्षांत किया। इनमें खंडवा से शंकरदूत के रूप में पृथ्वी सिंह और अनिमेष शामिल हुए। शंकर दूतों का उद्देश्य शंकराचार्य जी के दर्शन, अद्वैत का लोकव्यीकरण करना है।

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