KHABAR: श्री राम कथा की अमृत ज्ञानगंगा प्रवाहित, ‌श्रीराम चरित्र मानस वेदों का सार है- दशरथ शर्मा, पढ़े खबर

MP 44 NEWS May 3, 2025, 5:31 pm Technology

नीमच - संसार को मार्ग चार वेद देते हैं। चारों वेदों से ही सत्संग के धर्म ग्रंथ लिखे गए हैं। श्री राम चरित मानस चार वेदों का सार है।यह बात पंडित दशरथ शर्मा ने कही।वे बालाजी नवयुवक मंडल रामपुरा दरवाजा जावद के तत्वाधान में नो दिवसीय अमृत कलश स्थापना महोत्सव एवं श्री राम कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि श्री राम जी संसार के लोगों को तारते हैं उस पार ले जाते हैं। केवट गंगा नदी पार करवरकर एक किनारे से दूसरे किनारे ले जाता है।केवट ने‌ श्री राम से गंगा पार करने का किराया नहीं लिया था केवट ने श्री राम जी से कहा था कि श्री राम जी भवसागर के पार ले जाते हैं।केवट गंगा पार ले जाता है दोनों का कार्य एक हीं है। इसलिए किराया नहीं लूंगा। श्री राम कथा मर्यादा का पालन करने का संदेश देती है।कार्यक्रम का शुभारंभ राम दरबार पर पुजा अर्चना से हुआ-दशरथ महाराज श्री ने गंगा तट पर केवट राम संवाद,मंथरा, कौशल्या, कैकयी,राजा दशरथ, , राम , गुरु वशिष्ठ, चार वैद,निषाधराज, अयोध्या कांड, ,ऋषि मुनि,वैद पुराण, सहित विभिन्न धार्मिक प्रसंगों के वर्तमान परिपेक्ष्य में महत्व पर प्रकाश डाला। आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया। आरती व रामायण पौथी पुजन में साधु मार्गी जैन श्रावक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेंद्र गांधी,भाजपा जिला उपाध्यक्ष अध्यक्ष श्याम काबरा,भूतेश्वर महादेव के परम भक्त महेश त्रिपाठी, श्रीमद् भागवत आचार्य पंडित शैलेंद्र शर्मा‌ बावल, बरखेड़ा कामलिया सरपंच उमाशंकर नागदा, कमलेश सारडा, विकास ओझा सहित अतिथि के रूप में उपस्थित थे। राम कथा मेंश्रद्धालु भक्तों द्वारा प्रसाद वितरण करवाया गया। रामकथा में अठाना,बावल, तारापुर ,कनेरा, सुखानंद, मंदसौर आदि , ग्रामीण क्षेत्रों सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त उपस्थित थे। धर्म सभा का संचालन एडवोकेट सत्यनारायण शर्मा ने किया। आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया।श्री राम कथा पंडित दशरथ शर्मा भाई जी के श्री मुख से प्रतिदिन दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक प्रवाहित हो रही है। .... यज्ञ में आहुतियां दी गई .... यज्ञ आचार्य कैलाश नारायण शर्मा सीतामऊ‌ वाले के सानिध्य में प्रायश्चित कर्म यज्ञ मंडप प्रवेश, स्थापित देवता पूजन,यज्ञ शुभारंभ सुबह 8से12 बजे तक एवं शाम 4से 6 बजे तक प्रतिदिन पंच कुंडात्मक पंच दिवसीय यज्ञ में विद्वान पंडितों की उपस्थिति में वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ 12दम्पत्ति जोड़ों के कर कमलों द्वारा हजारों आहुतियां दी जा रही है। .... श्री राम वनवास प्रसंग... .... श्री राम कथा के मध्य महाराज दशरथ शर्मा भाई जी द्वारा जब श्री राम वनवास प्रसंग के वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महत्व पर प्रकाश डाला तभी भक्ति पांडाल में उपस्थित श्रद्धालु भक्तों द्वारा जय जय श्री राम की जय घोष लगाई गई। श्रद्धालु भक्तों द्वारा पुष्प वर्षा से श्री राम वनवास के गीत गाकर अगवानी की गई।

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