BIG-NEWS : नीमच में करीब 8 साल पहले 2015 में उजागर हुए एक करोड़ रुपए से अधिक के बहुचर्चित सहकारी बैंक ऋण घोटाले मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला, तत्कालीन मैनेजर और वेयरहाउस संचालक समेत 7 आरोपियों को 4 साल की कैद हुई, पढ़े खबर

MP44NEWS April 1, 2023, 11:38 am Technology

नीमच। करीब 8 साल पहले 2015 में उजागर हुए एक करोड़ रुपए से अधिक के सरकारी बैंक ऋण घोटाले के एक प्रकरण में न्यायालय ने 7 आरोपियों को 4-4 साल कैद की सजा सुनाई है। फैसला एडीजे श्रीमती सोनल चौरसिया की अदालत ने सुनाया है। सजा पाने वाले आरोपियों में तत्कालीन बैंक मैनेजर मंगल मौर्य और वेयर हाउस संचालक शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि 9-10 साल पहले जिला सहकारी बैंक के मैनेजर मंगल मौर्य ने विशंभर वेयर हाउस के संचालकों से सांठगांठ कर वेयर हाउस में रखी किसानों की उपज की फर्जी रसीदों के आधार पर 1 करोड़ से अधिक का ऋण बांट दिया था। मामला उजागर होने के बाद पुलिस ने जिला सहकारी बैंक के अधिकारियों की रिपोर्ट पर मामले में तत्कालीन बैंक मैनेजर को आरोपी बनाया था।

पुलिस ने जांच के बाद प्रकरण न्यायालय के सक्षम पेश किया था। लंबी चली सुनवाई के दौरान न्यायालय ने प्रकरण से जुड़े सभी पक्षों को सुना और गवाह सबूतों के आधार पर शुक्रवार को महत्वपपूर्ण निर्णय सुनाया, जिसमें जिला सहकारी बैंक के तत्कालीन बैंक मैनेजर मंगल मौर्य, वेयर हाउस संचालक धनजय शर्मा, माया शर्मा, अमिषा शर्मा, कृष्ण कुमार, ऋषिकांत को 4-4 साल के कारावास की सजा सुनाई है। प्रकरण में शासन की ओर से एजीपी इमरान खान ने पैरवी की।

11 करोड़ के ऋण घोटाले का निर्णय आना शेष

जिला सहकारी बैंक सावन, नीमच और जीरन में 2014-15 में वेयर हाउस में रखी उपज की रसीदों के आधार पर करोड़ों रूपए के ऋण घोटाले हुए थे, जिसमें शुक्रवार को सिर्फ एक प्रकरण में न्यायालय का निर्णय आया है। फिलहाल मयंक पोरवाल के प्रकरण में निर्णय नहीं आया है, जिसमें करीब 11करोड़ रुपए का ऋण घोटाला हुआ था, जो खासा सुर्खियों में रहा था।

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