नीमच - जिले के सभी सी.एम.ओं., जनपद सीईओ अपने क्षेत्र में निराश्रित पशुओं को गौशालाओं में भेजे। सभी पशुपालक अपने आश्रित पशुओं को सड़कों, गली, मोहल्लों में खुला ना छोड़ें, उन्हें सम्भाल कर रखे। यदि कोई भी आश्रित पशु को खुले में छोड़ना पाया जाएगा, तो उसे संबंधित निकाय, पंचायत गौशाला कांजीं हाउस भेंजे। जहॉं उनकी समुचित देखभाल हो सके। गौशाला या कांजीं हाउस से निर्धारित जुर्माना शुल्क जमा करने के बाद ही पशुओं को छोड़ा जाएगा। यह निर्देश कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने मंगलवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष नीमच में समय-सीमा पत्रों के निराकरण की साप्ताहिक समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिए।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ अमन वैष्णव, एडीएम लक्ष्मी गामड़, सभी एसडीएम, डिप्टी कलेक्टर्स एवं जिला अधिकारी, सीएमओ, सीईओ उपस्थित थे।
डीईओ, डी.पी.सी. को कारण बताओं नोटिस
बैठक में कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने शालाओं में नामांकन की अपेक्षित प्रगति नहीं पाए जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी, परियोजना अधिकारी(डी.पी.सी.) संबंधित बी.ई.ओ. एवं बी.आर.सी. को कारण बताओं सूचना पत्र जारी करने के निर्देश में जि.प.सी.ई.ओ. को दिए।
सर्पदंश हो, तो तत्काल शासकीय चिकित्सक से नि:शुल्क उपचार करवाएं
बैठक में कलेक्टर ने सर्पदंश के उपचार के लिए एंटी स्नेक वेनम की उपलब्धता की समीक्षा की। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.खाद्योत ने बताया, कि जिले की सभी शासकीय चिकित्सा संस्थाओं में पर्याप्त मात्रा में सर्पदंश के उपचार के लिए एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध है।
सर्पदंश की घटना होने पर संबंधित को तुरंत बगैर देरी किए नजदीकी शासकीय चिकित्सा संस्थाओं में चिकित्सक को दिखाकर उपचार प्राप्त करें, जिससे कि पीड़ित की जीवन रक्षा की जा सकें।
सभी विभाग लक्ष्यानुरूप पौधा रोपण करवाएं
बैठक में कलेक्टर चंद्रा ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए, कि वे स्व निर्धारित विभाग के लक्ष्य अनुरूप इसी माह पौधारोपण करवाना सुनिश्चित करें। पौधा रोपण का यही सही समय है। उन्होने कहा, कि यदि किसी विभाग के पास पौधारोपण का स्थान उपलब्ध नहीं है, तो वे पंचायतों को पौधे उपलब्ध करवा दें।
जिला अधिकारी शालाओं में नामांकन का कार्य भी देखें
बैठक में कलेक्टर चंद्रा ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए, कि वे बुधवार को फील्ड विजिट करें और भ्रमण दौरान संबंधित गांवों की शालाओं में प्रवेश की स्थिति का आंकलन करें। कक्षा 1, 6, 9, 11वीं का कोई भी विद्यार्थी, छात्र-छात्रा दाखिला लेने से छूटे नहीं, यदि कोई छूटा हो, तो उसे भी प्रेरित कर, दाखिला दिलवाए। कलेक्टर ने निर्देश दिए, कि नामांकन की समीक्षा दौरान जिला अधिकारी शाला में दर्ज बच्चों की संख्या व पदस्थ शिक्षकों की संख्या का भी आंकलन कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।
पशुपालकों के.सी.सी.के लिए शिविर
बैठक में बताया गया, कि इस माह पंचायतों में पशुपालकों की के.सी.सी. बनाने के लिए शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इन शिविरों के माध्यम से लगभग 35 हजार शेष रहे पशुपालकों के के.सी.सी. बनाए जाएंगे, ताकि उन्हें पशुपालन के लिए ब्याज मुक्त ऋण की सुविधा मिल सकें।