मंदिर के ठीक सामने जहां से श्रद्धालु माता के दर्शन करते हैं। वहां छत न होने के कारण हल्की बारिश में भी पानी जमा हो जाता है। ऐसे में भक्तों को पानी में खड़े होकर माता के दर्शन करने पड़ते हैं। वहीं दर्शन कर बाहर निकलने वाले रास्ते पर कीचड़ ही कीचड़ पसरा रहता है जिससे यात्रियों को निकलने में काफी परेशानी हो रही है। दानपात्र भी बारिश के पानी से भीग जाते हैं। जिससे दान किए गए पैसे भी खराब हो रहे हैं। बारिश अभी शुरू ही हुई है और हालात इतने खराब हैं कि आगे मानसून में समस्याएं और भी विकट हो सकती हैं।
मंदिर के पुजारी अर्जुन पुजारी ने बताया कि इन समस्याओं को लेकर कई बार शिकायतें की गई हैं। लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि यदि भादवामाता में व्यवस्थाओं का यही हाल रहा तो धीरे-धीरे यात्रियों की संख्या में कमी आ सकती है।
जिससे इस पवित्र स्थल की लोकप्रियता पर भी असर पड़ेगा। वही यह भी बताया कि प्रशासन इस ओर तुरंत ध्यान दे और जल्द से जल्द मंदिर परिसर में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराए। ताकि भक्तों को माता के दर्शन करने में किसी प्रकार की असुविधा न हो। भादवामाता सिर्फ एक मंदिर नहीं, बल्कि आस्था का एक बड़ा केंद्र है। और इसकी उचित देखभाल सुनिश्चित करना सभी का दायित्व है।