नीमच -नीमच शहर की सबसे बड़ी समस्या बंगला बगीचा समस्या को लेकर बंगला बगीचा संघर्ष समिति के बैनर तले एडवोकेट अमित शर्मा के नेतृत्व में पिछले डेढ़ माह से लगातार व्यवस्थापन नियम में बदलाव की मांग को लेकर आंदोलन किया जा रहा है । बंगला बगीचा क्षेत्र के वोटर 40 में से कुल 11 वार्डों को सीधे तौर पर प्रभावित कर रहे हैं और बंगला बगीचा वासियों में व्यवस्थापन नियम को लेकर बनाए गए कानून में कमियों के कारण काफी आक्रोश है । इसके अतिरिक्त कानून में कमियां होने के बावजूद बंगला बगीचा वासियों पर भारी प्रीमियम लीज रेंट एवं पेनल्टी लगाई जाने का प्रावधान किया है जिससे बंगला बगीचा वासी काफी नाराज हैं । बंगला बगीचा वासियों की मांगों को जायज ठहराते हुए कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं जिसमें पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन, पूर्व विधायक नन्दकिशोर पटेल, उमराव सिंह गुर्जर सहित कई नेताओं ने भी बंगला बगीचा संघर्ष समिति के आंदोलन को अपना समर्थन दिया और बंगला बगीचा संघर्ष समिति की मांगों को अपने एजेंडे में शामिल करने का वादा भी किया और बंगला बगीचा संघर्ष समिति के मांगों को जायज ठहराया । पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन ने बंगला बगीचा संघर्ष समिति के सदस्य एडवोकेट अमित शर्मा के कार्यालय पहुंचकर बंगला बगीचा क्षेत्र के रहवासियों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं भी सुनी और आंदोलन को कंधे से कंधा मिलाकर समर्थन देने का वादा भी किया । नगरीय निकाय चुनाव सर पर है और ऐसे में बंगला बगीचा का मुद्दा लगातार तूल पकड़ता जा रहा है । जहां एक और बंगला बगीचा संघर्ष समिति के साथ पूरी कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को लेकर मैदान में उतर चुकी है वही दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से इस मुद्दे पर जवाब देते नहीं बन रहा है । विरोध इतना बढ़ गया है कि कई वार्डों में से पार्षद पद के प्रत्याशियों को जनता द्वारा उल्टे पर वापस किया जा रहा है संघर्ष समिति के आंदोलन और विरोध की खबरें नीमच से लेकर भोपाल के गलियारों तक गूंज रही है । ऐसे में मुख्यमंत्री द्वारा किया जाने वाला दौरा रद्द होने पर पूरे शहर में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि बंगला बगीचा संघर्ष समिति के आंदोलन को एवं बंगला बगीचा क्षेत्र की जनता के बीच पनप रहे आक्रोश को देखते हुए मुख्यमंत्री का यह दौरा निरस्त कर दिया गया है । वही पूरे मामले में बंगला बगीचा संघर्ष समिति के सदस्य एडवोकेट अमित शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री यदि नीमच दौरे पर आते तो उन्हें उनके पुराने वादे याद दिलाये जाते हल और उन्हें आम जनता के भारी विरोध का सामना करना पड़ता ऐसे में मुख्यमंत्री द्वारा दौरा निरस्त करने का सही निर्णय लिया है । भारतीय जनता पार्टी के नेता समस्या के समाधान को लेकर झूठे दावे कर रहे हैं और अब इन पर विश्वास नहीं किया जाना चाहिए जो पार्टी हमारा समर्थन कर रही है हम उसका समर्थन करेंगे और झूठे वादे करने वालों को उल्टे पैर वापस लौटाया जाएगा ।