खरगोन बस हादसे के बाद प्रदेश में नियमों को ताक में रखकर चल रही बसों पर सख्त कार्रवाई हो रही है। लेकिन नीमच जिले में ही दो दिन बाद भी एक भी अनफिट या नियम विरुद्ध चल रही बसों को विभाग नहीं पकड़ सका। आरटीओ का दावा है कि जिले में न तो ओवरलोडिंग समस्या है न ही अनफिट व बिना परमिट संचालन की कागज सभी के उपलब्ध है।
यहां सिर्फ कुछ लग्जरी बसें हैं जिनमें सवारी के साथ माल ढोने का काम भी होता है, इसको लेकर सख्ती कर दी है। आरटीओ रितु अग्रवाल ने कहा कि अगर अब किसी भी बस में माल की लोडिंग मिली तो उस पर पंचनामा या चालान नहीं बल्कि सीधे जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
हकीकत यह है...
नीमच जिला मुख्यालय स्थित बस स्टैंड से रोजाना 150 से 200 बसें संचालित होती हैं। इसमें स्लीपर और सिटिंग दोनों तरह की बसें शामिल हैं। इनमें कई बसें कंडम स्थिति में होने के बाद भी चल रही है लेकिन कागजों में वे फिट है। अधिकांश बसों में इमरजेंसी गेट इस तरह लगा हैं कि वह आसानी से खुल नहीं सकता। वहीं इसके अलावा कई नियमों का उल्लंघन हो रहा है।
हालांकि परिवहन अधिकारी ने बसों में कृषि उपज से लेकर अन्य सामानों की लोडिंग पर रोक लगाने के लिए एक्शन लिया है। जिसमें उन्होंने बस मालिकों को ये चेतावनी दी है कि अब किसी भी बस में माल की लोडिंग मिली तो उसे जब्त कर लिया जाएगा। अब देखना यह है कि उनकी यह सख्ती कितने दिनों तक दिखाई देती है।
आरटीओ रितु अग्रवाल बोलीं- जिले में सब कुछ ठीक
खरगोन हादसे के बाद जिले में सावधानी के तौर बसों की चैकिंग व कार्रवाई के संबंध में चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि नीमच जिले में इतनी समस्या नहीं है। यहां सब कुछ ठीक चल रहा है। उन्होंने कहा कि खरगोन हादसे के बाद सभी बस संचालकों को चेतावनी दे दी है कि माल ढोने वाली गाडी तत्काल रूप से बंद कर दी है। आप चाहें तो चेक कर लें। अगर कोई गाडी माल ढोते हुए मिलेगी तो उसे जब्त कर लिया जाएगा।
परमिट व फिटनेस तो सभी के उपलब्ध हैं। जिले में किसी भी बस में इन दस्तावेजों की कमी नहीं है। नीमच में तो यात्रियों की ओवरलोडिंग भी नहीं है।