राइट टू एजुकेशन के अंतर्गत निजी स्कूलों में गरीब परिवारों के बच्चों को शिक्षा दिलवाने की योजना की हकीकत रतलाम में जनसुनवाई के दौरान सामने आई है जहां एक निजी स्कूलों ने पांचवी कक्षा के छात्र को इस वजह से स्कूल से निकाल दिया क्योंकि आरटीई के अंतर्गत शासन से उन्हें अब तक राशि प्राप्त नहीं हुई है।
जनसुनवाई में आज विनोबा नगर निवासी सरिता गोंदिया नाम की महिला अपने बेटे को लेकर शिकायत करने पहुंची। महिला ने बताया कि गांधीनगर स्थित सेंट स्टीफन स्कूल प्रबंधन ने उसके बेटे का नाम काट दिया है। नाम काटने के पीछे स्कूल प्रबंधन ने शासन से छात्र की फीस की राशि नहीं मिलना बताया है। जनसुनवाई में बैठे जिला पंचायत सीईओ अमन वैष्णव ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को तलब कर इस स्थिति के लिए जमकर लताड़ लगाई और छात्र का तत्काल एडमिशन करवाने के निर्देश शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दिए हैं।
दरअसल गांधीनगर स्थित सेंट स्टीफन स्कूल के पांचवी कक्षा के छात्र ऋषभ को स्कूल प्रबंधन ने कक्षा में आने से रोक दिया। छात्र के परिजनों ने जब स्कूल प्रबंधन से संपर्क किया तो प्रबंधन का कहना था कि राइट टू एजुकेशन के अंतर्गत जिन छात्रों का एडमिशन करवाया गया था उनकी फीस की राशि शासन से उन्हें लंबे समय से नहीं मिली है। इसके बाद आज छात्र के परिजन उसे लेकर जनसुनवाई में पहुंचे है। गौरतलब है कि जिले में आरटीई के अंतर्गत निजी स्कूलों में निर्धन परिवार के बच्चों को एडमिशन दिलवाया गया था।अधिकांश स्कूलों में शासन की तरफ से इन बच्चों की फीस लंबे समय से नहीं भरी गई है। ऐसे में निजी स्कूल प्रबंधन बच्चों को आगे पढ़ने में असमर्थता जाहिर कर रहे हैं। बहरहाल इस मामले में जिला पंचायत सीईओ ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को छात्र को एडमिशन दिलवाने के निर्देश दिए हैं।