नीमच राजेश लालवानी एडवोकेट एवं पार्षद द्वारा मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान साहब को शिकायत प्रेषित कर लिखा है कि एक तरफ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान पुन सत्ता प्राप्ति के लिये भरसक प्रयास कर रहे है इसके विपरीत राजस्व विभाग में पदस्थ तहसीलदार नीमच नगर संजय मालवीय के अनुचित रूप से नामातंरण निरस्त करने से सत्तापक्ष को चुनाव में अवश्य ही नुकसान पहुंचा रहे है ।
मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता १९५९ की धारा-१०९, ११०,के तहत तहसीलदार को खसरा अभिलेख से मिलान होने पर तहसीलदार को नामान्तरण निरस्त करने का अधिकार नहीं है और इस सम्बन्ध में राजस्व मण्डल द्वारा अनेकों न्याय दृष्टान्त पारित किये गये है परन्तु तहसीलदार नीमच नगर लोक सेवा गारन्टी अधिनियम में तय समय सीमा के ४७ दिवस बाद नामान्तरण कम भूमि रकबा क्रय करने के आधार पर निरस्त कर रहे है जबकि आमजन को अपने सामर्थ्य अनुसार भूमि खरीदेने का कानूनी अधिकार प्राप्त है ।
पूर्व में इसी आधार पर तत्कालीन तहसीलदार पिंकी साठे द्वारा अनेकों नामान्तरण किये थे और में अपील अनुविभागीय अधिकारी ममता खेडे द्वारा तहसीलदार नीमच नगर के आदेश को निरस्त कर नामान्तरण स्वीकार किये गये थे ।
यहकि कम रकबा भूमि खरीदेने से नामान्तरण निरस्ती के मामले पुरे प्रदेश में सिर्फ नीमच शहर में देखने में आते है इससे प्रतीत होता है कि भले ही जम्मु-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद-३७० समाप्त हो गया हो परन्तु नीमच में आज भी ३७० अनुच्छेद कायम है नीमच क्षैत्र से लगे हुए क्षैत्र बघाना,नीमच सिटी,बरूखेडा,कनावटी,भौल्यवास,मालखेडा, आदि क्षेत्र में लगभग ३० हजार मतदाता है जो कम रकबा भूमि एक-दो आरी लेकर निवास कर रहे है और उनके कम भूमि के आधार से नामान्तरण निरस्त होने पर उनकी नाराजगी सत्ता पक्ष को नुकसान पहुंचा सकती है
इस सम्बन्ध में राजेश लालवानी पार्षद द्वारा पत्र के माध्यम से मुख्यमत्री से मांग कर तहसीलदार नीमच को मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता १९५९ के १०९,११० के प्रावधानों अनुसार आदेश पारित करने के निर्देश देने हेतु लिखा है