उज्जैन में गुरुवार को एक घर में चार शव मिले हैं। मामला जानकी नगर का है। पुलिस मौके पर है। एसपी सचिन शर्मा ने बताया कि परिवार किराए से रहता था। शुरुआती जांच में यह सुसाइड का केस लग रहा है।
जानकारी के मुताबिक शव मनोज राठौर, पत्नी ममता, उनके बेटे लक्की और बेटी के हैं। एसपी ने बताया कि परिवार मंदिर के पास फूल सामग्री की रेहड़ी लगाता था। तीन महीने पहले ही परिवार जयसिंहपुरा से यहां शिफ्ट हुआ था। घर का किराया करीब 1800 रुपए महीना है। पुलिस मौके पर पहुंची तो तीन लोगों के मुंह से झाग निकल रहा था। जांच के लिए फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (FSL) की टीम को बुलाया गया है।
मनोज राठौर के कमरे में जांच पड़ताल करती पुलिस टीम।
काफी देर तक दरवाजा खटखटाया, लेकिन नहीं खुला
कमरे के अंदर सबसे पहले घुसने वाले जितेंद्र सोलंकी ने बताया कि सुबह 10.30 बजे मनोज की जान-पहचान वाले मेरे पास आए। कहने लगे कि उनके घर का दरवाजा नहीं खुल रहा है। हम पहुंचे तो देखा कि आसपास के लोगों की भीड़ जुटी हुई थी। काफी देर तक दरवाजा खटखटाने के बाद भी किसी ने नहीं खोला। इसके बाद मैंने जोर से धक्का दिया तो अचानक से दरवाजा खुल गया। अंदर का नजारा देख सभी सहम गए।
मकान मालिक ने दी पुलिस को जानकारी
मकान मालिक आसाराम ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो कमरे के अंदर मनोज राठौर फांसी के फंदे पर लटका हुआ है। वहीं, पास में ही उसकी पत्नी ममता और दो बच्चों के शव पड़े हैं। पत्नी और दोनों बच्चों के मुंह से झाग निकल रहा है।
कर्ज से परेशान था मनोज, प्रेम विवाह किया था
ममता की मौसी सुमित्रा शिंदे ने बताया कि ममता ने मनोज राठौर से दूसरी शादी की थी। उसके दोनों बच्चे पहले पति से ही हैं। यानी मरने वाले दोनों बच्चे मनोज राठौर के नहीं हैं। पहले पति से विवाद के बाद ममता अलग रहती थी। ममता और मनोज दोनों का घर आमने-सामने था। पति से अलग रहने के दौरान ही ममता और मनोज के बीच दोस्ती हुई। पांच साल पहले दोनों ने शादी की थी। कई बार रिश्तेदारों ने मनोज को समझाया, लेकिन वो लगातार कर्ज लेता जा रहा था। कितने का कर्ज था ये तो नहीं पता, लेकिन लोग आए दिन अपने पैसे मांगते रहते थे। हो सकता है, कर्ज से परेशान होकर ही मनोज ने यह कदम उठाया हो।