कमलनाथ के बीजेपी मे जाने की चर्चाओं के बीच दिग्विजय सिंह ने फिर इस बात को निराधार करार दिया है। उन्होने कहा कि उनकी कमलनाथ जी से लगाचार चर्चा हो रही है और कांग्रेस के नेतृत्व से भी उनकी चर्चा हो रही है। राज्यसभा सांसद ने कहा कि जिन्हें इंदिरा गांधी का तीसरा बेटा कहा जाता है..जिन्हें कांग्रेस में सारे बड़े पद मिले हैं..ऐसे में वो क्यों कांग्रेस छोड़ेंगे। आज ईडी, सीबीआई और आटी का जैसा दबाव सबपर है, वही उनपर भी है। लेकिन उनका चरित्र दबाव में आने वाला नहीं है।
कमलनाथ एक दो दिन में कर सकते हैं बड़ा ऐलान!
दिग्विजय सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘आप लोगों के पास पिछले 15 दिन से कोई और खबर ही नहीं है’। एक दिन पहले भी उन्होने पत्रकारों से कहा था कि ‘मीडिया ब्रेकिंग न्यूज़ के चक्कर में मीडिया ना रहें, मेरी खुद कल रात ही कमलनाथ से बात हुई है।’ लेकिन जो संकेत राजनीतिक गलियारों से आ रहे हैं, वो कुछ और ही कहते प्रतीत हो रहे हैं। दिल्ली पहुंचे कमलनाथ से जब पत्रकारों ने इस बाबत सवाल किया तो उन्होने इनकार नहीं किया बल्कि ये कहा कि ‘अगर ऐसी कोई बात होगी तो सबसे पहले मैं आपसे ही कहूंगा।’ वहीं उनके करीबी और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा भी आज दिल्ली पहुंच गए हैं। उन्होने मीडिया से बात करते हुए कहा ‘जहां कमलनाथ, वहां हम’। अटकले हैं कि कमलनाथ रविवार या सोमवार शाम तक बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। उनके साथ लगभग 20 से 25 विधायक भी जा सकते हैं..ऐसी संभावना जताई जा रही है।दिग्विजय सिंह ने चर्चाओं को निराधार बताया
लेकिन दिग्विजय सिंह लगातार इन चर्चाओं को नकारते हुए कमलनाथ का कांग्रेस के साथ सालों पुराने रिश्ते का हवाला दे रहे हैं। उन्होने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘उनकी शुरुआत कांग्रेस से हुई और उन्हें हम सब इंदिरा जी का तीसरा सुपुत्र मानते थे। उन्होने हमेशा कांग्रेस का साथ दिया है।’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘कमलनाथ को कांग्रेस ने सारे पद मिले हैं। कांग्रेस ने उन्हें केंद्र में मंत्री बनाया, ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी में महामंत्री, पीसीसी अध्यक्ष, मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया। मुझे नहीं लगता कि कमलनाथ कांग्रेस छोड़ेंगे। मेरी कमलनाथ जी से चर्चा हुई है लगातार हो रही है।
कांग्रेस नेतृत्व से भी उनकी चर्चा हो रही है। उन्होंने हमेशा कांग्रेस का साथ दिया है कांग्रेस के स्तंभ रहे हैं। जिस तरह आज बाकी नेताओ पर ईडी, सीबीआई, आईटी का दबाव है, वैसा ही उनपर भी है। लेकिन उनका चरित्र दबाव में आने का नहीं है।’ इस तरह दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर विश्वास जताया है कि कमलनाथ कहीं नहीं जा रहे। लेकिन इस राजनीतिक ड्रामे का पटाक्षेप क्या होता है..ये जानने के लिए अभी थोड़ा इंतजार और करना पड़ेगा।