KHABAR:- धार्मिक सत्संग, श्री भागेश्वर मंदिर में श्री राम कथा प्रवाहित, सांसारिक मोह के बंधन से दिलाती है राम कथा मुक्ति-साध्वी विष्णु प्रिया, पढ़े खबर

MP44 NEWS March 9, 2024, 5:45 pm Technology

नीमच9मार्च2024माता सती ने जब तक श्री राम कथा नहीं सुनी थी तब तक वह मृत्यु से भयभीत थी। पूरे मनो भाव सेभगवान शंकर से माता सती ने श्री राम की लीलाएं सुनकर अपनी मृत्यु के भय से मुक्त हो गई। श्रीमद् रामचरितमानस कथा मानव को भय से मुक्त करती है । मनुष्य जो सांसारिक मोह बंधनों से बंधा है वह यदि श्री राम कथा मनो भाव से सुनता है तो उसको सभी मोह बंधनों से मुक्ति मिलती है।तथा वह भगवान हरि के चरणों में स्थान प्राप्त कर लेता है। राम कथा श्री राम जी की तरह मर्यादा के साथ जीवन जीना सिखाती है। रामचरित मानस के सभी अक्षर जीवन में नई प्रेरणा देते हैं। यह बात साध्वी भक्ति प्रिया इंदौर की शिष्या व ईश्वरीय प्रेम आश्रम इंदौर की साध्वी विष्णु प्रि, या जी ने कही।वे भागेश्वर महादेव मंदिर आश्रम समिति के तत्वाधान एवं बाबा छत्तु राम के पुण्य स्मरण दिवस पर्व के पावन उपलक्ष्य में क्षेत्र की खुशहाली एवं सुख समृद्धि के लिए रामायण पाठ के मध्य धर्म सभा में बोल रहे थीं। उन्होंने कहा कि पूरे देश में कथा करने गए लेकिन जो यहां देखा ऐसा पूरे देश में कहीं नहीं देखा। जहां ईशवर है वहां सब कार्य मंगल ही मंगल होता है ।वहां कभी अमंगल नहीं होता है।राम कथा श्रवण करने से जन्म जन्म के पाप कर्म मिट जाते हैं। 9 का अंक राम जी को भी प्रिय है। उनका जन्म भी रामनवमी के दिन ही हुआ था। रामचरित मानस की शंकर भगवान ने रचना की थी। साध्वी जी महाराज ने कहा कि कथा कोई सी भी हो भुमि पर बैठकर ही श्रवण करना चाहिए। इससे अहंकार नहीं बढ़ता है। अपने आप को कभी सर्वश्रेष्ठ नहीं मानना चाहिए। संसार की कथा केवल भौतिक सुख देती है लेकिन सच्चा परमसुख राम कथा से मिलता है। संसार में रहेंगे तो कभी , लोकसभा चुनाव का तनाव रहता है। यदि राम कथा श्रवण करेंगे तो हमारा कल्याण होगा। बेटी अच्छा कार्य करती है तो पिता का नाम रोशन करती है। इसलिए विदाई के समय मां पानी पिलाकर कहती है कि मायके के पानी की लाज रखना। ऐसा कोई कार्य मत करना जिससे परिवार का नाम गलत हो। चार धाम तीर्थ के बाद यदि संत आगमन हो तो संत दर्शन से तीर्थ दर्शन का पुण्य फल मिलता है। माता जानकी भक्ति का स्वरूप है ।आज कल भगवान सच्चा है हमारी विचारधारा नकली है।पति परमेश्वर होता है पति गुरु की श्रेणी में आता है । करवा चौथ का व्रत कर लंबी आयु का व्रत करने वाली माताएं महान वंदनीय है। जो गुरु के ज्ञान को छोड़ देता है उसका विवेक नहीं रहता है और बिना विवेक के सत्संग का पुण्य फल नहीं मिलता है। मनुष्य में यदि स्वयं की समझ नहीं हो तो समझदार की बात मानना चाहिए और जीवन की सफलता का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए। सति चरित्र शिक्षा मिलती है क्रोध से विनाश होता है इसलिए क्रोध का त्याग करना चाहिए। संसार में लोग अपने पद पर आसीन रहने के स्वार्थ के लिए पाप कर्म करते हैं। जब तक राम जपते हैं तो काम याद नहीं आता है।जब काम रहता है तब राम याद नहीं रहता है। इसलिए सदैव राम नाम स्मरण करना चाहिए। तभी जीवन का कल्याण हो सकता है। जीवन में अंहकार आता है।तो लोग मोह माया में भगवान को भी भुल जाते हैं। साध्वी जी महाराज साहब ने विश्व मोहिनी स्वंयवर,इन्द्र,नारद मुनि, कामदेव,क्रोध, अभिमान, आदि विभिन्न विषयों के वर्तमान परिपेक्ष्य में महत्व प्रतिपादित किया। इस अवसर पर हरे रामा रामा राम...ओ राम आएंगे मेरी कुटिया के भाग आज खुल जाएंगे... जैसें विभिन्न भजनों की प्रस्तुतियां दी गई। राम कथा में श्रद्धालु भक्त सहभागी बने। महाआरती के बाद प्रसाद का वितरण किया गया।

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