नीमच। सजा है धाम अयोध्या का, प्रभु श्रीराम आएंगे...काव्य रचना ने लोगों के मन व मस्तिष्क में उर्जा का संचार कर दिया और आस्था व भक्ति का रंग जमा दिया। यह काव्य रचना जिले के ख्यात हिंदी कवि व वरिष्ठ पत्रकार धर्मेंद्र शर्मा ‘सदा’ ने सुनाई। उनके अलावा अन्य कवियों और साहित्यकारों ने भी अपनी रचनाएं सुनाई और खूब दाद बटोरी। यह मौका था कृति की काव्य गोष्ठी का।
जिले की साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था कृति ने 30 अप्रैल मंगलवार रात 8 बजे एलआईसी रोड स्थित भगवान परशुराम मंदिर में दादा साहब फाल्के की जन्म जयंती के अवसर पर काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। सर्वप्रथम मां सरस्वती व भगवान परशुराम की पूजा अर्चना की गई। कृति अध्यक्ष इंजीनियर बाबूलाल गौड़ ने स्वागत भाषण देते हुए दादा साहब फाल्के के जीवन पर प्रकाश डाला और काव्य गोष्ठी में पहुंचे लोगों का स्वागत किया। कवि धर्मेंद्र शर्मा ने ‘सदा’ वंदना तेरी करते मां शारदे के माध्यम से मां सरस्वती की स्तुति की। इसके बाद सत्येंद्र सक्सेना ने दादा साहब फाल्के के जीवन मूल्यों व कार्यों पर प्रकाश
डाला। राधेश्याम शर्मा ने फाल्के जी के योगदान को बताया। मोहम्मद हुसैन शाह ‘अदीब’ ने एक अजन्मी कन्या भ्रूण मां के सपने में बतियाई, किशोर जेवरिया ने अपनों से ठगा जाये कोई तो याद कर लेना, डॉ माधुरी चौरसिया ने रूठे बसंत को मनायें, आओ पेड़ लगायें एवं सीपी उपाध्याय ने बहो मेरी सरयू बहो धीरे-धीरे आदि रचनाएं सुनाई। मास्टर सलीम ने भजन की प्रस्तुति दी। काव्य गोष्ठी का संचालन पं
डित अंबिकाप्रसाद जोशी ने किया एवं आभार कृति सचिव महेंद्र त्रिवेदी ने माना। इस दौरान मनोहर सिंह लोढ़ा, ओमप्रकाश चौधरी, भरत जाजू, डॉ विनोद शर्मा, प्रकाश भट्ट, रघुनंदन पाराशर, शरद पाटीदार, राजेश जायसवाल, कमलेश जायसवाल, एडवोकेट कृष्णा शर्मा, योगेश पाटीदार, घनश्याम सिंह अंब, नीरज पोरवाल, नरेंद्र पोरवाल, राधेश्याम पाटीदार, विनोद लालवानी, केके टांक, अनिल चौरसिया सहित अन्य सुधीजन विशेष रूप से मौजूद रहे।