नीमच , सम्भागायुक्त उज्जैन सम्भाग उज्जैन संजय गुप्ता व्दारा नीमच जिले के वन परिक्षेत्र जावद के रैंजर विपुल प्रभात करोरिया को म.प्र.सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के तहत तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया गया है। निलम्बन अवधि में करोरिया का मुख्यालय वन मण्डलाधिकारी कार्यालय नीमच जिला नीमच रहेगा और उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्तें की पत्रता रहेगी। इस संबंध में जारी आदेशानुसार ग्राम जनकपुर तहसील जावद स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 625, 626, 632/2 रकबा क्रमशः 1.990 हैक्टेयर 2.420, 34.650 जुमला रकबा 39.060 हैक्टेयर में से रकबा 18.020 हैक्टेयर भूमि नवीन औद्यौगिक स्थापना हेतु औद्यौगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग, भोपाल को न्यायालय कलेक्टर नीमच व्दारा हस्तांतरित की गई थी। उक्त भूमि वर्तमान में राजस्व रिकार्ड में औद्यौगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग भोपाल के नाम भूमि स्वामी अधिकार में दर्ज हैं तथा उक्त भूमि पर सनलाईट एवं एल्कोलाईट प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी द्वारा निर्माण कार्य प्रचलित है। ग्राम जनकपुर स्थित उक्त भूमि के संबंध में वर्तमान में वन विभाग द्वारा आपत्ति जताई हैं। उक्त भूमि राजस्व विभाग के आधिपत्य की हैं। वर्तमान में आपत्ति को देखते हुए 30 मई 2024 को संयुक्त निरीक्षण में सरपंच एवं कम्पनी के कर्मचारियों के समक्ष 31 मई 2024 को पुनः सीमांकन कर पुनःसीमाएँ वन विभाग को अवगत कराने का निर्णय लिया गया। परन्तु संयुक्त टीम के मौके से जाने के पश्चात कम्पनी के कर्मचारी द्वारा बताए अनुसार एवं पुलिस चौकी डिकेन में की गई रिपोर्ट अनुसार रेंजर विपुल प्रभात करौरिया मौके पर लगभग 40 कर्मचारियों/व्यक्तियों के साथ उपस्थित हुए तथा मौके पर कार्यरत कम्पनी का सामान भरकर ले गए थे तथा कम्पनी के कुछ कर्मचारियों के मोबाईल छिनकर ले गए तथा उनके वाहनों की गाड़ियों की चाबी छिनकर ले गए तथा उनपर जबरदस्ती दबाव बनाकर दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवा लिए। विपुल प्रभात करौरिया, रेंजर के उक्त कृत्य से मौके पर कानून और व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति निर्मित हो गई तथा वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश के विपरीत कार्य करने से किसी बड़ी घटना से इंकार नहीं किया जा सकता था। उक्त घटना के विडियों वायरल हुए जिससे शासन की छवि खराब हुई। विपुल प्रभात करौरिया, रेंजर का उक्त कृत्य वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों के प्रतिकूल तथा कदाचरण की श्रेणी में होने से उनके विरूद्ध म.प्र.सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के तहत सम्भागायुक्त उज्जैन व्दारा निलम्बन की कार्यवाही की गई है।