BIG_NEWS : नीमच जिले में स्कूल भवन की छत का एक हिस्सा भरभरा कर गिरा, कुछ मिनटो बाद होनी थी प्रार्थना, 2008 में हुआ था अतिरिक्त भवन का निर्माण, पढ़े खबर

MP44 NEWS July 8, 2024, 7:00 pm Technology

नीमच जिले के मनासा ब्लॉक अंतर्गत आने वाले खेमला गांव बसी की बावड़ी में सोमवार को शासकीय हाई स्कूल में एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। यहां हाई स्कूल के अतिरिक्त कक्ष, जिसमें सुबह प्रार्थना के लिए सभी विद्यार्थी इकट्ठे हो रहे थे। इसी दौरान छत एक हिस्सा भरभरा कर गिर गया। गनीमत रही कि कमरे के उस हिस्से पर कोई मौजूद नहीं था। हालांकि कमरे में करीब 10 से 15 बच्चे और शिक्षक मौजूद थे, लेकिन वे दूर खड़े थे। जिससे वे हादसे का शिकार होने से बच गए। बताया जा रहा है कि करीब एक हजार की आबादी वाले इस गांव में उक्त हाई स्कूल संचालन शुरुआत में पास ही मिडिल स्कूल भवन में हो रहा था। दो साल पहले मिडिल स्कूल भवन की जर्जर अवस्था को देख इस भवन में कक्षों का संचालन बंद कर दिया गया था। इस कारण तब से स्कूल का संचालन इस एक मात्र अतिरिक्त कक्ष में हो रहा था। वर्तमान में इस स्कूल में करीब 70 बच्चे अध्ययन रत हैं। वहीं अभी एडमिशन हो रहे हैं। इस एक मात्र कक्ष में कक्षा 6 से 10 तक के विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं। जिनमें व्यवस्थाओं के हिसाब से कुछ कक्षाएं अंदर अतिरिक्त कक्ष में जबकि शेष कक्षाएं बाहर बरामदे में लगाई जा रही हैं। करीब एक हजार की आबादी वाले इस गांव में नवीन मिडिल स्कूल भवन का निर्माण वर्ष 2006-07 में किया गया था। जिसकी बिल्डिंग जर्जर होने से 2 साल पहले बन्द कर दी है। वहीं वर्ष 2008 में बने इस अतिरिक्त कक्ष की बिल्डिंग की छत का हिस्सा आज गिर गया। इस विद्यालय में 3 शिक्षक हैं। फिलहाल आज बच्चों को गांव के मंदिर में पढ़ने के लिए बैठाया गया है। वहीं हादसे के बाद एक गांव के एक वरिष्ठ समाज सेवी सामने आए हैं, जिन्होंने बारिश तक स्कूल का संचालन अपने घर में करने का ऑफर दिया है। जन शिक्षक के मुताबिक अब इस भवन में स्कूल का संचालन पाना संभव नहीं है। फिलहाल बच्चों को गांव के मंदिर में बैठाया गया इस संबंध में स्कूल के प्राचार्य प्रभु लाल भट्ट का कहना है कि भवन की जर्जर हालत को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को समय-समय पर अवगत किया जा चुका है। पूर्व में भी मिडिल स्कूल भवन जर्जर हो रहा था जिसे वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर बंद कर दिया गया है। एकमात्र इसी कक्ष में पूरा विद्यालय संचालित हो रहा है। व्यवस्थाओं के लिए कुछ कक्षाएं बाहर तो कुछ इसी हाल में लगाई जाती हैं। आज हुए हादसे को लेकर भी वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। फिलहाल बच्चों को गांव के मंदिर पर बैठाया गया है। गनीमत रही कि जिस समय छत का हिस्सा गिरा उसके ठीक नीचे कोई मौजूद नहीं था। सरपंच बोले- विधायक, अधिकारियों को पहले भी बता चुके ग्राम पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि अमर रावत ने बताया कि भवन की जर्जर हालत को लेकर ग्रामीणों ने और सरपंच के माध्यम से स्थानीय विधायक, सहित अन्य जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को पूर्व में अवगत कराया जा चुका है। बावजूद इसके इस भवन की जर्जर हालत को लेकर कोई कदम नहीं उठाया। ऐसे में बच्चों के सिर से स्कूल की छत छिन गई है। बच्चों की पढ़ाई अब कैसे होगी यह बड़ा सवाल है। भवन निर्माण गुणवत्ता हीन किया गया, आज का हादसा जिसका यह परिणाम है। गनीमत रही कि इस दौरान उसकी चपेट में कोई नहीं आया। वरना जान माल के नुकसान की संभावना थी। डीईओ ने कहा कि- जन शिक्षक को स्कूल का निरीक्षण करने के लिए भेजा है। रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे। अब स्कूल का संचालन तक हो पाना संभव नहीं बैसला संकुल के जनशिक्षक राजेश दीक्षित ने बताया कि फिलहाल यहां स्कूल का संचालन हो पाना संभव नहीं है। क्योंकि स्कूल संचालक के लिए कोई भी कक्ष उपलब्ध नहीं है। इस भवन में स्कूल संचालन करना खतरनाक साबित हो सकता है। आज के हालात का पंचनामा बनाकर वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा जाएगा उनके आदेश अनुसार आगे का निर्णय लिया जाएगा। जिला शिक्षाधिकारी नीमच सी के शर्मा ने कहा कि स्कूल भवन की छत का हिस्सा गिरा है किसी को कोई चोट नहीं आई है। हादसे के बाद जन शिक्षक को विद्यालय निरीक्षण के लिए भेजा है। वे वस्तु स्थिति का आंकलन कर रिपोर्ट भेजेंगे। रिपोर्ट आने के बाद स्कूल संचालक व अन्य बातों को लेकर निर्णय लिया जाएगा।

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