एमएसएमई श्रेणी की औद्योगिक इकाईयों को प्रोत्साटहन राशि वितरण की वर्तमान प्रचलित प्रक्रिया को पारदर्शी एवं सरलीकृत बनाने के उद्देश्य से समस्तत भुगतान केन्द्री यकृत ऑनलाईन भुगतान/वितरण प्रणाली के माध्यपम से उद्योग संचालनालय स्त्र पर किये जाने का निर्णय लिया गया है। उल्लेखनीय है कि एमएसएमई मंत्री चेतन्य कुमार काश्यप ने उक्त आशय के निर्देश दिए थे। एमएसएमई प्रोत्सा हन व्यरवसाय निवेश संबर्धन सुविधा प्रदाय योजना में वर्ष 2023-24 में 490 करोड़ का बजट प्रावधान था, जिसे बढ़ाकर वर्ष 2024-25 में 699.20 करोड़ रूपये किया गया है। बजट में विगत वित्त् वर्ष की तुलना में 40 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की गई हैं। मध्य9म श्रेणी की इकाईयों के लिये पहली बार राशि रूपये 100 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया हैं। मध्यिप्रदेश में एमएसएमई श्रेणी की इकाईयों के प्रोत्साहन के लिये मध्यप्रदेश एमएसएमई प्रोत्साहन योजना 2021 लागू हैं, जिसमें सूक्ष्मा लघु श्रेणी की इकाईयों के लिए 40 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि का प्रावधाान है। इसी प्रकार मध्य़म श्रेणी की इकाईयों के लिए 40 प्रतिशत तक एवं मध्य म श्रेणी की खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों को मूल सहायता का डेढ़ गुना तक प्रोत्साहन राशि एवं अन्य सुविधायें दिये जाने का प्रावधान हैं। पूर्व में सूक्ष्मव एवं लघु श्रेणी की इकाईयों के लिए प्रोत्साहन राशि का भुगतान जिला स्तिर से किया जाता था, जिससे इकाईयों को प्रोत्साहन राशि वितरण/भुगतान प्रक्रिया जटिल थी एवं विलम्बि होता था। अब सरलीकरण एवं पारदर्शिता के लिए एमएसएमई मंत्री चेतन्यन कुमार काश्यिप द्वारा निर्देश दिये गए जिसके अनुक्रम में एमएसएमई श्रेणी की औद्योगिक इकाईयों को प्रोत्सामहन राशि वितरण की वर्तमान प्रचलित प्रक्रिया को पारदर्शी एवं सरलीकृत बनाने के उद्देश्यर से उक्त् समस्त भुगतान केन्द्रीवयकृत ऑनलाईन भुगतान/वितरण प्रणाली के माध्यरम से उद्योग संचालनालय स्तकर पर किये जाने का निर्णय लिया गया है। सुचारू संचालन के लिये वित्त् विभाग द्वारा सूक्ष्मम, लघु और मध्यवम उद्यम विभाग को पृथक से पी.डी. अकाउण्टे स्वीशकृत किया गया हैं। केन्द्री यकृत भुगतान प्रणाली अन्तदर्गत प्रदेश के समस्ते स्वीीकृत प्रकरणों में पात्र इकाईयों को उत्पािदन दिनांक के वरियता क्रम में पी.डी. अकाउण्टत के माध्येम से उनके खाते में राशि का सीधा भुगतान/वितरण उपलब्धता अनुसार पारदर्शी प्रक्रिया से किया जा सकेगा। उक्त प्रणााली के लागू होने से प्रधानमंत्री एवं मुख्यकमंत्री की मंशा अनुसार मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस की अवधारणा को मूर्त रूप मिलेगा।