चित्तौड़गढ़ - कई युद्ध और घेराबंदी का सामना करने वाला 700 एकड़ से ज़्यादा के क्षेत्र में फैला चित्तौड़गढ़ दुर्ग 600-650 फसाड लाइट्स से जगमगा रहा है। वीरता और शौर्य का प्रतीक वर्ल्ड हेरिटेज में शुमार चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर देर शाम से भोर तक होने वाली जगमगाहट और बढ़ गई है। पहले दुर्ग पर किसी प्रोग्राम या दीपावली पर ही लाइट लगती थीं। दुर्ग पर अब रोज दीपावली जैसा नजारा देखने को मिलता है। किले पर करीब 650 फसाड लाइट्स लगाई जा चुकी हैं जिस पर लगभग 354 लाख रुपए खर्च किए जा चुके हैं। लाइटिंग के लिए कलर कॉम्बिनेशन, पैटर्न और थीम एक जैसे ही हैं। बाकी अलग-अलग फेस्टिवल में इसे चेंज किया जा रहा है। यह विश्व विख्यात दुर्ग पिछले एक साल से रात को जगमगा रहा है, लेकिन किले की फसाड लाइट्स में कुछ बदलाव किए गए हैं जिससे दुर्ग की दीवार और मोन्यूमेंट्स और ज्यादा जगमगा उठे हैं। फसाड लाइट प्रोजेक्ट में यह दायरा 2 किमी होने से लगभग पूरे शहर, इससे सटे नेशनल हाईवे और रेल मार्गों से भी दुर्ग जगमगाता दिखता है। लाइट्स की पोजीशनिंग चेंज कर उन्हें पास लगाया गया है। पहले ये काफी दूर-दूर थीं। इसमें कई सुधार के साथ इंस्टॉलेशन प्रोग्रामिंग का काम किया जा रहा है। हाईवे पर लगभग 17 किलोमीटर की दूरी तक यह किला जगमगाता हुआ दिखाई देता है।