NEWS : ज्ञानोदय इंटरनेशनल का 3 दिवसीय शैक्षिणिक भ्रमण हुआ सम्पन्न, पढ़े खबर

MP44NEWS October 10, 2024, 2:25 pm Technology

नीमच - ज्ञानोदय इंटरनेशनल की कक्षा 5 वी से 8 वी तक का 75 विद्यार्थियों के दल का 3 दिवसीय शैक्षिणिक भ्रमण सम्पन्न हुआ । यह भ्रमण उदयपुर व कुंभलगढ़ का दिनांक 6 अक्टूबर से 8 अक्टूबर को प्राचार्य प्रदीप कुमार पांडे के सानिध्य में सम्पन्न हुआ। विद्यार्थियों ने शिक्षकों के साथ कुंभलगढ़ और उदयपुर की रोमांचक यात्रा की। भम्रण का उद्देश्य मनोंरजन के साथ ज्ञान आर्जित करना रहा ।प्रथम दिवस पर विद्यार्थियों ने उदयपुर जैविक उद्यान भम्रण किया। जिसका उद्देश्य प्रकृति एवं वन्य प्राणियों की रक्षा करना तथा विभिन्न प्रकार के वन्य प्राणियों के बारे में जानकारी प्रदान करना था ।इसके पश्चात मनोरजनार्थ सेलीब्रेशन मॉल का भ्रमण कर पूल पार्टी का भरपूर आनंद लिया । द्वितीय दिवस उदयपुर स्थित सर्वप्रथम फ़तह सागर (उदयपुर) में नौका विहार कर मनोरंजन कर प्रताप गौरव केन्द्र जाकर विद्यार्थियों ने मेवाड़ का गौरवमयी इतिहास जाना। जहाँ छात्र भव्य वास्तुकला से मंत्रमुग्ध हो गए और मेवाड़ राजवंश के ऐतिहासिक महत्व के बारे में सीखा। जटिल डिजाइन, दर्पण वाली दीवारें और पिछोला झील के मनमोहक दृश्यों ने सभी पर अमिट छाप छोड़ी। रात्रि में लाइट एंड नाइट शो के माध्यम से पुनः मेवाड़ के गौरवमयी राजाओं के इतिहास की जानकारी प्राप्त कर पुनः मनोरंजनार्य डी.जे. पार्टी का लुफ्त उठाया । तृतीय दिवस जंगल सफारी कराई गई। जिसका उद्देश्य प्रकृति एवं प्राकृतिक जैव विविधता की जानकारी हांसिल करना रहा। कुंभलगढ़ पहुँचने पर वे अरावली पर्वतमाला के मनोरम दृश्यों को देखकर दंग रह गए। छात्रों ने जटिल मार्गों की खोज की, किले के सामरिक महत्व और उससे जुड़ी समृद्ध ऐतिहासिक कहानियों के बारे में सीखा। समूह ने कुंभलगढ़ किले के इतिहास में गहराई से खोजबीन की। जहाँ छात्रों ने किले की सैन्य रणनीतियों और स्थापत्य कला की प्रतिभा के बारे में जानकारी हासिल की। ​​वे आसपास के ग्रामीण इलाकों के निर्बाध दृश्यों को देखकर अचंभित हुए। विद्यार्थियों ने विभिन्न वन्य प्राणियों को उनके प्राकृतिक आवास में देख आनन्द की अनुभूति की। पश्चात रणकपुर स्थिता जैन मन्दिर के द्वारा जैन ऐतिहासिक जैन संस्कृति को ज्ञान अर्जित कर नीमच की प्रस्थान किया। संस्था की निदेशिका डॉ. गरिमा चौरसिया ने कहा ऐसे आयोजनों से बच्चों में ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के प्रति जानने और उनकी अहमियत को महसूस करने की क्षमता का विकास होता है साथ ही इस सफल आयोजन पर हर्ष व्यक्त किया ।

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