रतलाम के प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर में पंडित संजय पुजारी ने सूतक में पूजा की। इसका श्रीमाली ब्राह्मण समाज ने विरोध जताया। विवाद बढ़ता देख रविवार रात को प्रशासन ने मंदिर में ताला लगा दिया। सोमवार सुबह 11 घंटे बाद ताला खोला गया और पंडित संजय को हटाकर सत्यनारायण व्यास को अस्थायी पुजारी नियुक्त कर दिया गया। शहर के माणक चौक स्थित महालक्ष्मी मंदिर को दिवाली पर करोड़ों रुपए के नोटों और जेवरों से सजाया जाता है। सजावट के लिए नोटों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है। इसी बीच ये विवाद खड़ा हो गया है। पंडित संजय पुजारी से मंदिर में सजावट के लिए आने वाले रुपयों और जेवरों की प्रतिदिन की जानकारी मांगी है। प्रतिदिन सुबह 6 बजे तक खुलने वाले मंदिर के ताले सोमवार सुबह 8 बजे तक भी नहीं खुले। मंदिर के बाहर श्रीमाली समाज के लोग दर्शन के लिए इंतजार करते रहे। इसके बाद नायब तहसीलदार आशीष उपाध्याय की मौजूदगी में मंदिर का ताला सुबह 8.15 बजे खुला। इसके पहले लोगों ने मंदिर के बाहर पूजा-अर्चना की। पंडित संजय दवे ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा कराई।