आज दीपोत्सव का दूसरा दिन रूप चौदस है। माना जाता है कि महालक्ष्मी उन्हीं लोगों पर कृपा बरसाती हैं जो साफ-सफाई से रहते हैं, इसी मान्यता की वजह से लक्ष्मी पूजा से पहले रूप चौदस पर भक्त खुद को सजाते-संवारते हैं। कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी यानी रूप चौदस को नरक चतुर्दशी भी कहते हैं। इस पर्व की कहानी भगवान श्रीकृष्ण और नरकासुर नाम के असुर से जुड़ी है। आज शाम यमराज के लिए दीपदान करने की परंपरा है। इस पर्व की सुबह उबटन लगाकर स्नान किया जाता है। लोग पानी में अलग-अलग जड़ी-बूटियां मिलाकर नहाते हैं। तेल मालिश करते हैं। इस प्रकार नहाने को औषधि स्नान कहते हैं।