मंदसौर - जिला चिकित्सा के स्वास्थ कर्मी मंगलवार से अपनी 15 सूत्रीय मांगों के निराकरण के लिए चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं। इस आंदोलन में स्वास्थ, नर्सिंगकर्मी, संविदा कर्मचारी के सदस्य शामिल है। दूसरे दिन भी कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर काम किया। इससे पहले भी साल 2023 के स्वास्थ कर्मियों ने आंदोलन किया था, लेकिन उन्हें अनदेखा किया गया। इससे स्वास्थ्यकर्मियों में आक्रोश है। अपनी मांगों को लेकर विरोध कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे। यह मुख्य मांगे रखी गई संविदा नीति 2023 के साथ सपोर्ट स्टाफ का पुनः एनएचएम में विलय के साथ एनएचएम में पूर्ण रूप सुनीति लागू की जाए। संविदा स्वास्थ्य संवर्ग की वेतन विसंगति दूर की जाएं। नर्सेस पर हड़ताल अवधि में की गई कार्यवाही को निरस्त किया जाए। एएनएम और एमपीडब्ल्यू का हड़ताल अवधि 23 दिवस का वेतन भुगतान किया जाए। जब तक प्रमोशन नहीं होते तब तक वरियता के आधार पर प्रभार दिया जाए। सातवें वेतनमान का लाभ 2016 से दिया जाए। चिकित्सकों की भांति अन्य कर्मचारियों को भी रात्रिकालीन भत्ता दिया जाए। संचालनालय स्तर पर सहायक संचालक नर्सिंग के पद पर नर्सिंग कैडर को ही वरिष्ठता के आधार पर पदस्थ किया जाए।