ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों और नक्षत्रों की तरह ग्रहण का बड़ा महत्व माना जाता है । 14 मार्च होली पर साल का पहला चन्द्र ग्रहण लगा था और अब 29 मार्च चैत्र अमावस्या को साल का पहला सूर्य ग्रहण है। यह सूर्य ग्रहण मीन राशि और उत्तर भाद्रपद नक्षत्र में घटित होगा। ये आशिंक सूर्य ग्रहण होगा, ऐसे में यह भारत में दिखाई नहीं देगा और ना ही इसका सूतक काल मान्य होगा।
होली पर घटित चंद्रग्रहण के 15 दिन बाद 29 मार्च को आंशिक सूर्यग्रहण (पार्शियल सोलर इकलिप्स) की घटना होने जा रही है ।भारतीय समय के अनुसार दोपहर 2:20:43 बजे से आरंभ होकर शाम 6:13:45 तक यह घटना होगी । इसे यूरोप, उत्तरी एशिया, नार्थ अमेरिका का कुछ भाग, नार्थ वेस्ट अफ्रीका में देखा जा सकेगा लेकिन भारत में यह दिखाई नहीं देगा ।ग्रहण का आरंभ पृथ्वी के एक हिस्से से होकर दूसरे भूभाग पर समाप्त होगा ।
कब लगता है आंशिक सूर्य ग्रहण?
जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है तो सूरज की रोशनी धरती तक पहुंच नहीं पाती है, तो सूर्य ग्रहण लगता है। सूर्य पृथ्वी के बीच परिक्रमा करते चंद्रमा के एक सीध में आ जाने से पृथ्वी के कुछ हिस्सों पर सूर्य पूरी तरह दिखाई नहीं देता है तो आंशिक सूर्यग्रहण लगता है ।भारत के अधिकांश हिस्सों में सूर्यग्रहण को देखने के लिये 2 अगस्त 2027 का इंतजार करना होगा । यह यहां आंशिक सूर्यग्रहण के रूप में दिखेगा ।
सूर्य ग्रह व शनि गोचर का संयोग, राशियों पर प्रभाव
खास बात ये है कि सूर्य ग्रहण के दिन ही न्याय और दंड के देवता शनि कुंभ से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे।इस दौरान चंद्रमा सूर्य के लगभग 93 फीसदी हिस्से को ढक लेगा।इस दौरान सूर्य, राहु, शुक्र, बुध और चंद्रमा सभी मीन राशि में स्थित होंगे, जिससे इस खगोलीय घटना का ज्योतिषीय महत्व और बढ़ जाएगा।
ज्योतिषियों के मुताबिक साल का पहला सूर्य ग्रहण वृषभ, कुंभ, कर्क और मिथुन राशि वालों के लिए अच्छा होगा। इन राशियों को निवेश में लाभ , मान-सम्मान में वृद्धि , आय के नए स्त्रोत, करियर व नौकरी में उन्नति मिल सकती है।