चीताखेडा - राजस्थान मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित मालवा का माता का खेड़ा चीताखेड़ा में रविवार को चैत्र नवरात्रि के पावन पर्व पर परंपरागत तरीके से धार्मिक भावनाओं से ओतप्रोत होकर चुनरी यात्रा के साथ मेला महोत्सव का हो गया श्रीगणेश। इस अलौकिक उत्सव में अलिराजपुर जिले से आई भगोरिया नृत्य टीम अपनी अपनी ही संस्कृति की वेश-भूषा में युवाओं के एक हाथ में तीर-कमान तो दूसरे हाथ में छाता वहीं युवतियों के हाथों में लहराते हुए रुमाल लिए हेरत अंगेज नृत्य ने हर किसी को बना दिया कायल। हेरत अंगेज नृत्य कर सैकड़ों श्रद्धालु साक्षी बने, वहीं प्रातः 9:30 चीताखेड़ा के बजरंग मंदिर से डीजे साउण्ड,बैण्ड बाजों और ढोल ढमाकों के साथ आवरी माता मंदिर तक भव्य 151फिट लंबी चुनरी पैदल यात्रा भव्य शोभायात्रा एवं कलश यात्रा का अद्भुत नजारा देखने के लिए बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी।
विशाल चुनरी यात्रा में सबसे आगे अश्व पर धर्म ध्वजा लिए बैठे युवा लहराते हुए धर्म चल रहे थे । डीजे साउण्ड , बैण्ड बाजों एवं ढोल ढमाकों पर मां के गीतों की मधुर स्वर लहरियों पर क्या बच्चे क्या बूढ़े और युवा नाचते झूमते हुए माता के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। वही जिस रथ में मां जगदंबा विराजमान थी उस रथ का सारथी एक मुस्लिम भाई कादर भाई ही रथ को चला रहा था। चुनरी यात्रा में भक्तों के हाथों में लहराती धर्म ध्वजा मां के मधुर भजनों की धुनों पर नाचते झूमते मां के जयकारों के साथ चल रहे थे। विशेष रुप से आकर्षक रथ में विराजी मां जगदंबा की चुनरी पैदल यात्रा जिस मार्ग से गुजरी वह मार्ग फूलों से फट गया । चुनरी पैदल यात्रा में जगह-जगह द्वार द्वार पर महिला पुरुष एवं बच्चे बुजुर्गों ने पूजा अर्चना कर भेंट पूजा चढ़ाकर मां का आशीर्वाद लिया। चुनरी यात्रा अभिजीत मुहूर्त में आरोग्य देवी महामाया आवरी माता जी के दरबार पहुंची जहां अभिजीत मुहूर्त में विधि-विधान पूर्वक घटस्थापना के साथ नौ दिवसीय विशाल मेले का आगाज हो गया है। विशाल चुनर पैदल यात्रा बजरंग मंदिर से प्रारंभ होकर बड़ा गणपति चौक , शैख मोहल्ला, माणक चौक,नीम चौक,सदर बाजार, चैनपुरा चौराहा,बस स्टैंड,नई आबादी से परिभ्रमण करती हुई आंवरीमाताजी के दरबार पहुंची। इस मौके पर 9 दिनों तक अखंड जाप ,हवन ,पूजा पंडित शिव शंकर शर्मा और रामलाल शर्मा द्वारा की गई।
अलिराजपुर जिले से आई भगोरिया नृत्य टीम का नृत्य रहा आकर्षण का केंद्र-
भगोरिया युवाओं के हाथों में तीर-कमान तो युवतियों के हाथों में लहराता रुमाल लिए क्यों मारी रे.. क्यों कुटी रे..हरी हरी कामडी से क्यों मारी रे.....,काका बाबा ने पोर्या रे....,तरो रातें लो रुमाल....., कहां भूल्या आवी नानी.......आदी आदिवासी भगोरिया गीतों पर नाचते झुमते हुए चल रहे थे। भगोरिया नृत्य श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। यह नृत्य इस क्षेत्र की जनता के लिए नया नृत्य रहा जो हर कोई मोबाइल में केद करने से नहीं चुकें।
पहले ही दिन दिखा अपार उत्साह-
अंचल का एकमात्र बड़ा मेला होने से लोगों की भीड़ शाम ढलते ही शुरू हो गई मेला परिसर में लगे झूला चकरी वालों के यहां युवक युवतियों की भीड़ उमड़ पड़ी मेलार्थियो ने मेले में चाट,पानी के पतासे ,पाव भाजी ,कुल्फी आदि चटकारे के साथ रसास्वादन किया।
जगह-जगह हुआ भव्य स्वागत-
महामाया आवरी माता जी नवरात्रि के प्रथम दिन नगर भ्रमण के दौरान चुनर पैदल यात्रा में शामिल मां के भक्तों के लिए जगह जगह ठंडा पेय पदार्थ रसना आदि की स्टाल लगाकर श्रद्धालुओं की सेवा कर धर्म लाभ लिया। चुनर पैदल यात्रा में पुलिस सहायता केंद्र चीताखेड़ा चौकी प्रभारी श्री सिंघावत, हेड कांस्टेबल अमित कुमार भावसार, आरक्षक श्याम व्यास, आरक्षक... पाटीदार, आरक्षक..... सहित पुलिस फोर्स पूरी तरह मुस्तैद रही।