मध्यप्रदेश पुलिस दंगाइयों और प्रदर्शनकारियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अब ड्रोन से आंसू गैस के गोले छोड़ेगी। बीएसएफ व सेना के बाद इस ड्रोन सिस्टम का इस्तेमाल करने वाला मप्र पहला राज्य होगा। इसके जरिए पुलिस 3 किमी की दूरी से ही दंगाइयों या प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित कर सकेगी। यह ड्रोन एक उड़ान में ही आंसू गैस के 24 गोले दाग सकेगा। इसके साथ ही यह ड्रोन डे-नाइट लाइव स्ट्रीमिंग, रिकॉर्डिंग, अनाउंसमेंट व वॉर्निंग सिस्टम से लैस होगा। इसकी कीमत 36 लाख रुपए है। इसकी खरीदी के लिए ऑर्डर हो गए हैं। जल्द ही यह ड्रोन पुलिस के पास आ जाएंगे।
दरअसल, दंगा या प्रदर्शन के दौरान स्थिति नियंत्रण से बाहर होने पर आंसू गैस के गोले सबसे सुरक्षित तरीका होता है, लेकिन इसके लिए भी पुलिस को भीड़ के नजदीक ही रहना पड़ता है। इसी समस्या से निपटने के लिए मध्यप्रदेश पुलिस बीएसएफ की िटयर स्मोक यूनिट टेकनपुर से ‘ड्रोन िटयर स्मोक लांचर’ खरीद रही है। पहले लॉट में 20 ड्रोन के लिए 7.21 करोड़ का भुगतान भी कर दिया गया है। डिलीवरी के बाद पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग होगी और ड्रोन का इस्तेमाल शुरू हो सकेगा।
यह होगा फायदा
{ सामान्य स्मोक गन 150 मीटर की दूरी से आंसू गैस छोड़ सकती है, लेकिन ड्रोन से 2-3 किमी दूरी से गोले दागे जा सकेंगे। इससे जनता-पुलिस टकराव रुकेगा।
{ लाइव वीडियो के जरिए पुलिस दूर से ही भीड़ को चेतावनी या निर्देश दे सकेगी और रणनीति बना सकेगी।
{ भीड़ की गतिविधियों की रिकॉर्डिंग हो सकेगी जो भविष्य में सबूत व कार्रवाई में काम आएगी।
{ लाइव स्ट्रिमिंग भी हो सकेगी, जिससे अधिकारी भी मॉनिटर कर सकेंगे।
डिमांड प्लेस कर दी है, सप्लाई होने के बाद ट्रेनिंग
ऐसा होगा ड्रोन टियर स्मोक लांचर... डे-नाइट कैमरा, रियल टाइम वीडियो-ऑडियो अपडेट
ड्रोन : डे-नाइट बर्ड आई व्यू कैमरे के साथ ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डर व लाउडस्पीकर भी होंगे। इससे कमांडर के पास रियल टाइम फीडबैक और कंट्रोल रहेगा। 2 से 3 किमी की रेंज में 120 मीटर ऊंचाई में 40 मिनट तक उड़ सकेगा। भार ले जाने की क्षमता 6 किलो होगी। इसमें स्मोक लांचर फिट किया जाएगा।
देशभर में बीएसएफ ही बनाता है यह ड्रोन, कीमत 36 लाख
देश भर में सिर्फ बीएसएफ ही आंसू गैस के गोले गिराने वाले ड्रोन बनाती है। बीएसफ ने इस ड्रोन का 2022 में निर्माण किया था। बीएसएफ टेकनपुर अकादमी स्थित टियर स्मोक यूनिट में यह ड्रोन बनता है। 36 लाख कीमत के इस ड्रोन को 100% भुगतान होने के बाद सप्लाई किया जाता है। अभी तक इसका इस्तेमाल बीएसएफ और सेना ने ही किया है। अब मप्र पुलिस करेगी। हालांकि पिछले साल किसान आंदोलन में हरियाणा पुलिस ने कृषि कार्य में उपयोग किए जाने वाले ड्रोन के जरिए आंसू गैस के गोले छोड़े थे।
स्मोक लांचर : इस लांचर में 6 आंसू गैस के मल्टी पैलेट ग्रेनेड लोड रहेंगे। हर ग्रेनेड में 4 टियर स्मोक पैलेट (छर्रे) होंगे। लांचर को आसानी से ड्रोन में फिट किया जा सकेगा। ग्रेनेड के साथ इसका वजन 4.6 किलो होगा। 35-50 मीटर की ऊंचाई से स्मोक पैलेट छोड़ेगा।
ग्रेनेड : स्मोक लांचर में लगे मल्टी पैलेट ग्रेनेड में सेफ्टी लॉक रहेगा जोकि रिमोट से ऑपरेट होगा। एक पैलेट का वजन 55 ग्राम है। अत: किसी व्यक्ति के ऊपर गिरने पर भी चोट नहीं लगेगी। एक ग्रेनेड में 4 स्मोक पैलेट होंगे। इस प्रकार एक ड्रोन एक बार में 24 स्मोक पैलेट ले जा सकेगा।