उज्जैन - माननीय मुख्यपमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने हिंदू नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, विक्रम संवत् 2082 और गुड़ी पड़वा के शुभ अवसर पर उज्जैन में माँ क्षिप्रा जी के तट पर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया। इसके पहले मुख्यमंत्री जी ने ब्रह्मध्वज की पूजा अर्चना की। जिसके बाद सर्वप्रथम ब्रह्मध्वज श्रीमहाकालेश्वर मंदिर के शिखर पर स्थापित किया गया। इसके अलावा उज्जैन के प्रमुख मंदिरों में ब्रह्मध्वज को पूजन के बाद समर्पित किया गया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेशवासियों को सृष्टि आरम्भ दिवस, वर्ष प्रतिपदा, हिंदू नव वर्ष की शुभकामनाएएँ देते हुए कहा कि विक्रम संवत 2082वां वर्ष प्रारंभ हुआ है। शिप्रा के किनारे हमने इस नए साल को धूमधाम से मनाया। ब्रह्मध्वज का आज लोकार्पण भी किया गया। उन्होंने ब्रह्मध्वज की जानकारी देते हुए बताया कि सृष्टिकर्ता महाकाल की प्रेरणा से ब्रह्मदेव ने सृष्टि का निर्माण किया। 1955885126 वर्ष पूर्व से प्रवर्तित सृष्टियाब्द के आरम्भ से ही कोटि सूर्य को महिमा प्रदान की गयी है। यह ब्रह्मध्वज वर्षों पूर्व परम्परा से श्रीमहाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन के शिखर पर समय-समय पर स्थापित किया जाता रहा है। यह परंपरा आज से फिर शुरू हो गई है।