12 सूत्रीय मांगों को लेकर आशा-उषा सहयोगी संयुक्त मोर्चा प्रदेश व्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चल रहे हैं। रविवार को हड़ताल के 19वें दिन आशा उषा सहयोगी संयुक्त मोर्चा ने नीमच विधायक दिलीप सिंह परिहार के निवास का घेराव करते हुए ज्ञापन सौंपा है। जिसमें बताया कि प्रदेश में गर्भवती महिलाओं धात्री माताओं नवजात शिशुओं के साथ-साथ आम जनता के स्वास्थ्य की देखभाल में दिन-रात काम कर रही प्रदेश के हजारों आशा कार्यकर्ताओं को बेहद अल्प वेतन 2000 मासिक दिया जा रहा है जो केंद्र सरकार द्वारा देय है। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आशाओं को मातृ एवं शिशु सुरक्षा का साथ कामों की राशि को दोगुना करना बताया जा रहा है ना तो यह राशि सभी को मिलेगी और ना ही इसका भुगतान किया जा रहा है। अन्य राज्य सरकार आशा एवं पर्यवेक्षकों को वर्षों से अपनी ओर से अतिरिक्त वेतन देकर राहत पहुंचा रही है। लेकिन मध्य प्रदेश सरकार पिछले 16 वर्षों से अपनी ओर से आशा उषा पर्यवेक्षकों को कुछ भी नहीं दे रही है मिशन संचालक के अनुशंसा के आधार पर आशा को 10 हजार और पर्यवेक्षकों को 15 हजार रुपए वेतन दिया जाए। आशा-उषा एवं पर्यवेक्षकों को नियमितीकरण किया जाए। हॉस्पिटल में आशा रूम बनाया जाए। आशा उषा एवं पर्यवेक्षकों का बीमा किया जाए जैसी 12 सूत्रीय मांगे शामिल की गई।