इंदौर - इंदौर में एक आरक्षक ने ड्यूटी के दौरान खुद को गोली मारकर सुसाइड कर लिया। मामला शुक्रवार तड़के करीब 5 बजे का है। 28 वर्षीय अनुराग भागोर ने द्वारिकापुरी इलाके में दिग्विजय मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के एक फ्लैट में अपनी जान दे दी। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया।
घटना के समय अनुराग के साथ सिपाही रोहित भी मौजूद था। उसने बताया कि अनुराग ड्यूटी के दौरान आ रहे फोन कॉल्स रिसीव नहीं कर रहा था। शुरुआती जांच में पत्नी से विवाद की बात सामने आई है। अनुराग ने डेढ़ साल पहले लव मैरिज की थी। पत्नी रानू धार के माड़व की रहने वाली है। 7 दिन से मायके में ही है।
अनुराग, अलीराजपुर का निवासी था। द्वारिकापुरी थाने से पहले वह सर्राफा थाने में था।
बोला- वह मेरी लाश के आसपास भी नहीं भटके
अनुराग ने रात में अपने दोस्त विकास वसुनिया से मोबाइल पर बात की थी। उसने कहा था- पत्नी फोन नहीं उठा रही है। मैसेज देखने के बाद भी रिप्लाई नहीं किया। उसे कह देना कि अब मेरी लाश देखने को मिलेगी। वह लाश के आसपास भी नहीं भटके।
संभवत: अनुराग की यह आखिरी बातचीत थी। पुलिस इस मामले में दोस्त के बयान लेगी।
पत्नी को 7 दिन पहले करंट लगा था
परिवार में बड़ा भाई अविनाश और छोटा भाई देवेंद्र है। अनुराग मंझला था। पिता वेटरिनरी डिपार्टमेंट से रिटायर्ड हैं। अनुराग की बुआ के बेटे राजेंद्र ने बताया कि उसे पुलिस विभाग में 10 साल हो गए थे।
अनुराग की पत्नी के भाई को 7 दिन पहले करंट लगा था। अरविंदो हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। परिजन के मुताबिक, सर्राफा से द्वारकापुरी थाने में ट्रांसफर के बाद अनुराग का ड्यूटी शेड्यूल बढ़ गया था। वह अपने घर-अस्पताल नहीं जा पा रहा था। पत्नी अरविंदो अस्पताल में मायके पक्ष के लोगों के साथ ही थी। इसी बात को लेकर मनमुटाव चल रहा था।
आईडीए की बिल्डिंग, फ्लैट पुलिस विभाग को अलॉट
जिस बिल्डिंग में अनुराग ने खुदकुशी की, वह इंदौर डेवलपमेंट अथॉरिटी (आईडीए) की है। यहां अक्सर नशाखोरी और विवाद सामने आते हैं, इसलिए पुलिस की ड्यूटी लगाई जाती है। अनुराग भी ड्यूटी पर तैनात था।
जिस फ्लैट में घटना हुई, वह पुलिस विभाग को अलॉट है। पड़ोसी श्याम लाल बामनिया ने बताया कि वे रात 11 बजे शादी से लौटे थे। उन्हें रात में कोई आवाज नहीं आई। श्याम पंडिताई का काम करते हैं।