भोपाल -
अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने युवाओं को सहकारिता से लीडरशिप के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सहकारिता एक अलग लोकतंत्र है और सहकारी समिति का अध्यक्ष बनने वाले व्यक्ति में लीडरशिप आती है। फिर भले ही वे पढ़े-लिखे हों या कम पढ़े हों। सीएम ने कहा कि सहकारिता के माध्यम से युवाओं को नौकरी देने का काम कर रहे हैं।
सीएम ने समझाइश भी दी कि सहकारिता की अच्छे से जानकारी लेकर काम करें। जानकारी नहीं है तो संबंधित व्यक्ति खुद डूबेगा और दूसरों को भी डुबाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने व्यवस्था तय कर दी है कि 30 दिन में समिति का रजिस्ट्रेशन हो ही जाएगा।
शनिवार को समन्वय भवन में समावेशी एवं संवहनीय विकास में सहकारिता की भूमिका विषय पर युवाओं से सीएम ने संवाद किया। उन्होंने कहा कि सहकारिता में आने का एक सूत्र है - जब भी कोई नया काम करें तो आत्मविश्वास मजबूत रखें।
सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि सहकारिता नए आंदोलन के रूप में लगातार आगे बढ़ रही है। सहकारिता सोसायटी और रोजगार नहीं बल्कि समाज का निर्माण है। कार्यक्रम की शुरुआत में एससी अशोक वर्णवाल ने बताया कि युवा पीढ़ी को सहकारिता की समझ के लिए यह कार्यक्रम हो रहा है।