KHABAR: डेढ़ साल बाद भी बीजेपी के 13 मंडल अधूरे, मेरा आदमी अध्यक्ष बने' की जिद में उलझे, नेताओं की खींचतान बनी भाजपा के लिए चुनौती, पढ़े खबर

MP 44 NEWS July 6, 2025, 6:08 pm Technology

चित्तौड़गढ़ - राजस्थान में भजनलाल शर्मा सरकार को डेढ़ साल पूरे हो चुके हैं। इस साल चित्तौड़गढ़ जिले की 5 विधानसभा क्षेत्रों के 35 में से 22 मंडलों में भाजपा ने नए अध्यक्षों की घोषणा कर दी थी, लेकिन अब भी 13 मंडलों में नियुक्ति अधूरी है। सबसे ज्यादा पेच चित्तौड़गढ़ विधानसभा के 6 मंडलों को लेकर फंसा हुआ है। यहां पर एक भी मंडल अध्यक्ष के नाम पर सहमति नहीं बन पाई है। इस गतिरोध की असली वजह निर्दलीय विधायक (भाजपा समर्थित) चंद्रभान सिंह आक्या और सांसद सीपी जोशी के बीच खींचतान है। दोनों ही नेता अपने-अपने करीबी कार्यकर्ताओं को मंडल अध्यक्ष बनवाना चाहते हैं। ऐसे में जिला अध्यक्ष से लेकर प्रदेश नेतृत्व तक किसी एक नाम पर सहमति बनाना मुश्किल हो गया है। यह स्थिति भाजपा के संगठन के लिए बड़ी चुनौती बन चुकी है। 13 मंडलों में नियुक्ति अधूरी, कई जगह नियम आए आड़े चित्तौड़गढ़ विधानसभा के अलावा, बेगूं के कमाड और जावदा मंडल, कपासन के भूपालसागर, कपासन नगर, भादसोड़ा, आकोला ग्रामीण और पहुंना मंडलों में भी अध्यक्षों की नियुक्ति बाकी है। इन 13 मंडलों में अब भी पुराने अध्यक्ष ही काम कर रहे हैं, जिनका कार्यकाल खत्म हो चुका है। पार्टी के नियमों के अनुसार एक व्यक्ति लगातार 2 बार से ज्यादा मंडल अध्यक्ष नहीं बन सकता। कपासन में कई कार्यकर्ता पुराने अध्यक्षों को फिर से चाह रहे हैं, लेकिन नियम आड़े आ रहे है। वहीं, बेगूं में भी नए नामों की कमी और कुछ नामों की ज्यादा उम्र परेशानी बन रही है। चित्तौड़गढ़ नगर मंडल बना खींचतान का केंद्र सबसे ज्यादा राजनीतिक हलचल चित्तौड़गढ़ नगर मंडल को लेकर हो रही है। यहां निर्दलीय लेकिन बीजेपी समर्थित विधायक आक्या की ओर से ओमप्रकाश शर्मा, रवि वीरानी और अनिल ईनाणी के नामों की चर्चा है। दूसरी ओर सांसद जोशी समर्थक और बीजेपी कार्यकर्ताओं के रूप में गौरव त्यागी, अनंत समदानी, पिंकी सोमानी और शिवकुमार मंत्री के नाम सामने आ रहे हैं। नगर मंडल के वर्तमान अध्यक्ष सागर सोनी लंबे समय से पद पर हैं। कार्यकर्ताओं में बदलाव की मांग उठने लगी है। संगठन के भीतर भी यह चर्चा आम है कि नए चेहरों को मौका मिलना चाहिए। विधायक और सांसद की सहमति नहीं होने से संगठन के बाकी पदाधिकारी और कार्यकर्ता असमंजस में हैं। खुलकर कोई बोलता नहीं, लेकिन चर्चा के दौरान अपनी नाराजगी जाहिर करने से पीछे नहीं हटते। संगठन के नियमों के अनुसार ऐसे कार्यकर्ता जिन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई हो या जिन्होंने पार्टी के खिलाफ काम किया हो या फिर पार्टी ने उन पर कार्रवाई की हो, उन्हें महत्वपूर्ण पद नहीं दिया जाना चाहिए। लेकिन विवाद के कारण किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा जा रहा। पिछले साल दिसंबर में ही यह सभी नियुक्तियां होनी थी। लेकिन अब तक फैसला नहीं लिया जा सका है। निंबाहेड़ा में 4, बड़ीसादड़ी में 6, बेगूं में 8 और कपासन में 4 मंडल अध्यक्षों की घोषणा हो चुकी है, लेकिन चित्तौड़गढ़ में मामला अटका हुआ है। जिलाध्यक्ष बोले- लिस्ट प्रदेश अध्यक्ष तक जा चुकी है भाजपा के जिलाध्यक्ष रतनलाल गाडरी ने बताया कि सभी मंडलों के लिए नामों की सूची बनाकर प्रदेश अध्यक्ष को भेज दी गई है। अब अंतिम निर्णय वहीं से होना है। उन्होंने यह भी माना कि कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए जल्द फैसला लिया जाना जरूरी है। आमजन भी हो रहे हैं प्रभावित चित्तौड़गढ़ विधानसभा में मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति नहीं होने का असर सिर्फ पार्टी के कार्यकर्ताओं पर नहीं, बल्कि आमजन पर भी पड़ रहा है। संगठन में अस्थिरता का सीधा असर जनसमस्याओं के समाधान और कार्यों की गति पर पड़ता है। वर्तमान में नियुक्त मंडल अध्यक्ष वर्तमान में चित्तौड़गढ़ विधानसभा के छह मंडलों में पुराने अध्यक्ष काम कर रहे हैं: घोसुंडा: राजमल सुखवाल भदेसर: राजकुमार सुखवाल सावा: सत्यनारायण कुमावत बस्सी: गोपाल चौबे चंदेरिया: गोपाल सिंह राजोरा चित्तौड़गढ़ शहर: सागर सोनी इन सभी की जगह नए अध्यक्ष बनने हैं, लेकिन नए नामों पर सहमति नहीं बन पा रही है। चित्तौड़गढ़ जिले की चार विधानसभाओं बेगूं, निंबाहेड़ा, बड़ी सादड़ी और कपासन में भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्षों की नियुक्तियों को लेकर तस्वीर काफी हद तक साफ हो चुकी है। बेगूं विधानसभा क्षेत्र में अधिकांश मंडलों में नए अध्यक्ष बनाए जा चुके हैं। गंगरार से भूपेंद्र सालवी, बेगूं से विदुषी बिल्लू, रावतभाटा से राजेंद्र कुमार दशोरा, भैंसरोडगढ़ से सुनील जैन, बेगूं ग्रामीण से मदन गोपाल धाकड़, कुंडाल से प्रहलाद मेघवाल, साडास से भवानी राम जाट और नंदूवाई से पप्पू लाल धाकड़ को मंडल अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वहीं कमाड में शंकर लाल कुमावत और जावदा में सागर पुरोहित अभी भी पुराने मंडल अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। निंबाहेड़ा विधानसभा में सभी मंडलों में अध्यक्षों की नियुक्ति पूरी हो चुकी है। निंबाहेड़ा नगर से कपिल चौधरी, निंबाहेड़ा पूर्व से अशोक जाट, निंबाहेड़ा पश्चिम से राजेंद्र सिंह शक्तावत और कनेरा से जुगल किशोर धाकड़ को मंडल अध्यक्ष बनाया गया है। बड़ीसादड़ी विधानसभा में भी सभी मंडलों में नियुक्तियां हो चुकी हैं। बड़ी सादड़ी नगर से धर्मपाल मेहता, बड़ी सादड़ी ग्रामीण से तुलसीराम शर्मा, निकुंभ से मांगीलाल जाण्वा, असावरा माता से नेमीचंद भाट, डूंगला से पूरणमल अहीर और मंगलवाड़ से भैरूलाल गायरी को मंडल अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। कपासन विधानसभा में भी कई नए चेहरों को जगह दी गई है। कपासन ग्रामीण से दिनेश चंद्र पाराशर, राशमी से सुरेश जाट, शनि महाराज से रतन नाथ योगी और आकोला नगर से शंकर लाल तेली को नया मंडल अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं कपासन नगर में पंकज सिरोया, पहुंना में रतनलाल अहीर, भूपालसागर में ओम मेनारिया, आकोला ग्रामीण में भीम सिंह झाला और भादसोड़ा में विजय सिंह चौहान पुराने मंडल अध्यक्ष के रूप में बने हुए हैं। इस प्रकार जिले के इन चार विधानसभाओं में अधिकांश मंडलों में नियुक्तियां पूरी हो चुकी हैं, जिससे संगठनात्मक ढांचे को मजबूती मिलने की उम्मीद है। अब केवल चित्तौड़गढ़ विधानसभा के कुछ मंडलों की घोषणा बाकी है, जिस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।

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