जावद विधानसभा के कांग्रेस नेता एवं कांग्रेस जिलाउपाध्यक्ष प्रकाश जैन रांका जनसम्पर्क के दौरान जावद विधानसभा के गांव गांव का सघन दौरा कर रहे हैं । कुछ दिन पूर्व रांका ग्राम अमरपुरा पहुँचे थे और वहाँ धरातल पर उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं को जाना था जिस पर ग्रामीणों ने उन्हें विभिन्न समस्याओं के बारे में बताया , जिस पर राका ने तुरंत कार्यवाही करते हैं अमरपुरा गांव के ग्रामीणों की समस्याओं से जिला कलेक्टर को एवं सबंधित अधिकारियों को अवगत कराया था और ग्रामीणों की समस्याओं को तुरंत हल करने की मांग की थी जिसका असर धरातल पर दिखाई देने लगा है । इसी प्रकार की पेयजल से जुड़ी समस्या जनसम्पर्क के दौरान रामनगर गांव में देखने को मिली जहाँ ग्रामीणों ने रांका को पूरे गांव में आ रही दिक्कतों के बारे में बताया कि भीषण गर्मी की मार में हम ग्रामीण कैसे पेयजल के लिए दर-दर भटक रहे हैं । घर की महिलाए मोरवन जाकर पानी लेकर आती हैं ग्राम समूह में लगभग 400 परीवार रहते हैं मगर यहाँ पेयजल की समस्या का कोई स्थाई समाधान नहीं हैं। जावद विधानसभा का हर गांव हमारी प्राथमिकता-रांका यह देश गांवों का देश हैं अगर गांव नही होंगे तो हमारी संस्कृति नहीं होगी जावद विधानसभा के हर गांव में नलजल योजना का लाभ मिलना चाहिए । विधानसभा क्षेत्र के भूगोल को देखते हुए, गाँवो की बेसिक जरूरतों को देखते हुए गांवों के लिए योजनाबद्ध तरीके से मूलभूत समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिए । रांका ने कहा कि जो जनप्रतिनिधि जनता का दर्द न समझ सके उन्हें जनप्रतिनिधि कहलाने का भी कोई हक नहीं हैं । आखिर जावद विधानसभा परीवार के ग्रामीण क्षेत्रों की सरकार अनदेखी क्यों कर रही हैं, जरा सोचिए तेज धूप हो या बारिश में महिलाओं को हर दिन एक काम सबसे पहले पैदल चलकर जावो ओर सर पर पानी लादकर लावो । आज भी जावद विधानसभा परीवार के कई गांवों में यही आलम हैं जो चिंता के साथ ही पीड़ादायक हैं । रांका ने यह भी बताया कि समस्या की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन से लेकर प्रदेश के जीम्मेदार अधिकारियों को मामले से अवगत करा दिया है फिर भी अगर समाधान तय सीमा में नहीं होता हैं तो अन्य विकल्पों पर विचार किया जाएगा । कई गांवों में है यह पेयजल समस्या रांका ने बताया कि जावद विधानसभा के कई गाँव आज भी मूलभूत समस्याओं से दो चार हो रहे है । विधानसभा के गांवों में पेयजल बड़ी समस्या है और ग्रीष्म काल मे इसको लेकर कोई सुव्यवस्थित योजना भी नही बनाई गई, किसी गाँव मे स्कूल है तो शिक्षक नहीं , कही शिक्षक हैं तो स्कूल नहीं, कही मोबाईल नेटवर्क की समस्या हैं, कहीं शमशान हैं तो उस पर टिन शेड नहीं तो कहीं पर शमशान भी नहीं हैं । आज भी कई गांवों में नाले-खाल पार करके खुले में अंतिम संस्कार करने को ग्रामीण मजबूर हैं । बात किसानों की करे तो हम देख चुके है खाद को लेकर कितनी किल्लत हमारा किसान उठाता हैं तो पूरी विधानसभा में रोजगार और चिकित्सा सबसे बड़ी समस्या हैं । प्रदेश की भाजपा सरकार जनहितैषी नहीं हैं जिसका उदाहरण हमे जावद विधानसभा में आये दिन देखने को मिल रहा हैं ।