नीमच 27दिसम्बर 2023 (केबीसी न्यूज़)मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए पाप पुण्य कर्म करता है ।पाप कर्म करने के पूर्व मनुष्य को उसके परिणाम की चिंता जरूर करना चाहिए। पाप कर्म करने के पहले उसके परिणाम का चिंतन भी करना चाहिए ।भागवत गीता में कर्म का सिद्धांत बताया गया है ।हम जैसा कर्म करते हैं वैसा ही फल मिलता है ।शास्त्रों में 28 प्रकार के पाप कर्म बताए गए हैं।श्रीमद् भागवत ज्ञान का भंडार है जो मनुष्य से श्रवण करता है उसका जीवन पवित्र बनता है और उसकी आत्मा का कल्याण होता है।यह बात स्पेंटा पेट्रोल पंप के पीछे इन्दिरा नगरस्थित शनि मंदिर नीमच के परिसर में
श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा में श्रीमद् भागवत प्रवक्ता पंकज कृष्ण महाराज ने व्यक्त किए। उन्होंने अजामिल प्रसंग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कलयुग में सिर्फ राम नाम स्मरण मात्र से ही मुक्ति हो जाती है।जड़ भरत के प्रसंग से यह शिक्षा मिलती है कि अंत समय में जैसे मति होती है वैसे ही हमारे आत्मा की गति होती है।इसका अर्थ यह है कि अंत समय में प्रभु स्मरण से ही मुक्ति हो सकती है।भक्त प्रहलाद चरित्र से यह शिक्षा मिलती है कि भक्ति की शक्ति से निर्जीव वस्तुओं से भगवान प्रकट हो सकता है।गजेंद्र मोक्ष की कथा से हमें यह शिक्षा मिलती है कि आत्मसमर्पण कर के ही भगवान प्राप्त हो सकते हैं ना कि अभिमान से।भगवान श्रीराम का चरित्र धारण करने योग्य है। मन को पवित्र रखना चाहिए। तभी जीवन में सफल हो सकते हैं। जीवों को मारना पाप होता है इसलिए जीव दया करते हुए किसी भी प्राणी को नहीं मारना चाहिए। शाकाहार में दया के भाव रहते हैं।
गर्भवती स्त्री को धार्मिक ग्रंथो का श्रवण, सदैव सत्य बोलना चाहिए कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए। शुद्ध पवित्र भोजन ग्रहण करना चाहिए साधु संतों का सम्मान करना चाहिएं।मानव जीवन में कर्म अच्छे हो तो पाप और पुण्य का अंतर करना आ जाता है। भक्त प्रहलाद ने नारायण की भक्ति को नहीं छोड़ा तो भगवान ने भक्त प्रहलाद को पहाड़ से गिराने तथा समुंद्र में गिराने पर प्राणों की रक्षा की थी।अच्छे कर्म करे तो हमारे बुरे भाग्य को भी अच्छे में बदल सकते हैं ।
पुत्र हो तो भक्त प्रहलाद जैसा जो अपनी भक्ति से माता-पिता का कल्याण करवा देता है। भाई हो तो भरत जैसा राम के खड़ाऊ सिंहासन पर रखकर राज किया था। एक दूसरे के प्रति त्याग की भावना हो तो अयोध्या जैसी शांति मिलती है। भागवताचार्य ने श्री राम जन्म चरित्र प्रसंग, जड़ भरत, अजामिल, सुरुचि, सुनीति,धुर्व, गुरु वशिष्ठ सहित विभिन्न विषयों का वर्तमान परिपेक्ष के महत्व पर प्रकाश डाला। महा आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय पार्षद हरगोविंद दीवान, विश्व हिंदू परिषद से जुड़े विभाग सेवा प्रमुख सत्यनारायण पाटीदार कनावटी, निर्मल देव नरेला ,विहिप जिला अध्यक्ष सत्यनारायण पाटीदार, विनोद जयसवार दिलीप ग्वाला, कपिल बैरागी, पवन जयसवार नितिन बागड़ी, आदि समाज जन उपस्थित थे।...
पुष्प वर्षा से श्री कृष्ण जन्म मनाया.....
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श्रीमद् भागवत कथा के मध्य जब महाराज ने श्री कृष्ण जन्म का प्रसंग बताया तोश्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा में श्री कृष्ण जन्म का उत्सव मनाया गया जिसमें श्री कृष्ण की झांकी में 7 माह के नन्ही बालिका अवनी
पुत्री माधवी महेश शर्मा को टॉकरी में विराजित कर फूलों से सजाया गया। नंद
बाबा का अभिनय पंडित मोहन शर्मा महाराज ने निभाया।इस अवसर पर आज है बधाई नंद बाबा के भवन में यशोदा मैया को दे दो बधाई झूल रहा है मैया यशोदा के अंगना में झूला दे दो बधाई नंद के घर आनंद भयो हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की आलकी की पालकी जय कन्हैया लाल की भजन प्रस्तुत किया तो सभी श्रद्धालु भक्तों ने पुष्प वर्षा कर अगवानी की। , मैया यशोदा का अभिनय मालती नागर ने निभाया।भक्ति पंडाल को गुब्बारे में फुल पत्तियों से सजाया गया। महिलाएं पीतांबरी पीले परिधानों में सहभागी बनी।