बैतूल. बैतूल जिले में तेजी से फैल रहे लंपी वायरस ने सबको परेशान कर दिया है. अब तक सैकड़ों मवेशियों की मौत हो चुकी है. इससे घबराए गांव वाले अब पूजा पाठ और अंधविश्ववास में घिर गए हैं. बैतूल के आरुल गांव में ग्रामीणों ने नौ दिन तक मांसाहार नहीं करने का फैसला लिया है. अगर कोई इस नियम को तोड़ता है, तो उससे 501 रुपए जुर्माना वसूला जाएगा. इसके अलावा गांव की महिलाएं 9 दिन तक लगातार देव स्थानों में जल चढ़ाकर लंपी वायरस दूर करने के लिए अनुष्ठान कर रही हैं.
आमतौर पर सावन और नवरात्रि के दौरान मंदिरों में जल चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं की कतारें देखी जाती हैं. लेकिन बैतूल के आरुल गांव में इन दिनों सावन और नवरात्रि जैसा ही नजारा देखने मिल रहा है. हाथ में जल लिए महिलाएं गांव के देव स्थानों पर जल चढ़ाने खड़ी हैं. जल चढ़ाने का कारण लंपी वायरस है. अपने जानवरों को इस भयानक लंपी वायरस की बीमारी से मुक्त कराने के लिए महिलाएं 9 दिन तक जल चढ़ाकर अनुष्ठान कर रही हैं.
मांसाहार करने वाले पर 501 रुपए जुर्माना
बैतूल जिले में पिछले तीन महीने से लंपी वायरस फैला हुआ. इस वायरस से अब तक बैतूल के सैकड़ों मवेशियों की मौत हो चुकी है. लगभग हर गांव में लंपी वायरस से पीड़ित मवेशी मौजूद हैं. इससे ग्रामीणों में खौफ है. पशु चिकित्सक विभाग लंपी वायरस की रोकथाम में सुस्त नजर आ रहा है. इससे ग्रामीण भगवान और तंत्र-मंत्र का सहारा ले रहे हैं. ग्रामीणों ने गांव में एक नियम बनाया है. इस नियम के तहत वायरस का प्रकोप हटने तक अगर कोई भी ग्रामीण मांसाहार का सेवन करेगा उस पर 501 रुपए जुर्माना लगाया जाएगा.
प्रशासन की सुस्ती के चलते अंधविश्वास की शरण ले रहे लोग
पशु चिकित्सा विभाग और प्रशासन ग्रामीणों को यह बाते समझाने में नाकाम दिख रहा है, कि जब कोरोना महामारी वैक्सीनेशन से काबू में आई तो लंपी वायरस भी दवा से ही काबू रोकने के लिए भी केवल वैज्ञानिक तरीके ही कारगर साबित होंगे. कहीं ना कहीं प्रशासनिक सुस्ती का ही नतीजा है. जिसके चलते लोग अंधविश्वास की शरण में जा रहे हैं.