नीमच। जब पूरा देश रात्रि में विश्राम करता है तो मेरे देश का अन्नदाता किसान क्यों नहीं आज के समय जो जीरन क्षेत्र में हरवार फिटर पर जो लाइट का शेड्यूल जारी कर रखा है सुबह 8:30 से दोपहर 2:30 तक वह रात्रि में 11:30 से 3:30 तक इस लाइट में किसान को नींद नहीं मिल पा रही है जब किसान मजदूर परिवार से कोई व्यक्ति दिन भर काम कर लगभग 9:00 बजे सो जाता है 11:30 पर उसकी नींद खुलना बहुत ही मुश्किल काम है ऐसे में वह व्यक्ति रात के 4 घंटे की लाइट खो देता है।। फिर दिन भर लाइट बंद चालू होती रहती है वह लो वोल्टेज की समस्या आती रहती है दिन में किसान को सही लाइट नहीं मिल पाती। 2023 विधानसभा चुनाव की तैयारी में लगे हुई है नेता लोग नहीं ले रहे हैं किसानों की कोई सूद । पहले ही सोयाबीन की फसल बिगड़ने के बाद से किसान मरा हुआ है और लाइट से परेशान होकर किसान दुखी महसूस कर रहा है। जब किसान रात को अपने खेतों को सिंचाई करता है तो अंधेरे में किसान को जहरीले वह जंगली जानवरों का भी डर सताता है। और जो किसानों को बड़ा नुकसान पहुंचाने वाले घोड़ा रोज से इतना डरा हुआ महसूस करता है कि किसान खेत पर सो भी नहीं सकता पता नहीं कब किसान के शरीर के ऊपर से निकल जाए घोड़ा रोज । ऐसे कई हादसे हो चुके हैं पर कई किसानों पर जंगली जानवरों ने हमला कर दिया है। किसान अर्जुन धनगर उगरान बताते हैं कि हमारा क्षेत्र वनांचल जंगल से लगा हुआ है । कई प्रकार के जानवर जंगल से रात को खेतों में प्रवेश कर जाते हैं पता ही नहीं चलता इसलिए किसान ना तो खुद खेत पर जाकर सो सकता है और ना ही अपने पुत्र को खेत पर भेज सकता है कुल मिलाकर डरा हुआ महसूस करता है किसान ।। जब चुनाव करीब आते हैं तब खुद को किसान हितेषी बताने वाले नेता व जनप्रतिनिधियों आज किसानों की इस लड़ाई में साथ नजर नहीं आ रहे हैं नाही किसानों की आवाज बन पा रहे हैं नहीं सुन पा रहे हैं। आज के इस युग में किसान एक खिलौना बन गया है कभी सरकार खेलती है तो कभी प्रकृति किसान के साथ देश का अन्नदाता किसान आज मारा मारा फिर रहा है जब भी देश और दुनिया में चुनाव होते हैं किसानों के नाम पर वोट मांगे जाते हैं सभी पार्टियां खुद को किसान हितेषी बताती हैं लेकिन किसान जब मुसीबत में होता है तब उसके साथ कोई खड़ा नहीं होता है।