नामली के बहुचर्चित प्रधानमंत्री आवास व कोचा तालाब घोटाले में सरेंडर करने वाले भाजपा नेता व नामली नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र सोनावा को न्यायालय से जेल भेज दिया। भाजपा नेता ने सोमवार को न्यायालय में सरेंडर किया था। न्यायालय ने पुलिस को एक दिन का रिमांड सौंपा था। पुलिस मंगलवार को भाजपा नेता आरोपी सोनावा को लेकर कोर्ट में पेश हुई।
नामली नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष व कांग्रेस नेता तूफानसिंह सोनगरा व पूर्व पार्षद प्रकाश कुमावत ने 1 जुलाई 2019 को नामली नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र सोनावा व सीएमओ अरुण ओझा के खिलाफ तत्कालीन कलेक्टर रुचिका चौहान को शिकायत की थी। 10 जुलाई 2019 को जांच अधिकारी पीहू कुरील के नेतृत्व में 10 सदस्यीय दल गठित किया। मामले की जांच हुई। जिसमें पाया गया कि परिषद अध्यक्ष नरेंद्र सोनावा व तत्कालीन सीएमओ अरुण ओझा द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार किए।
कलेक्टर द्वारा अनुमोदित सूची में छेड़छाड़ की। फर्जी तरीके से पीएम आवास की पहली सूची में 22 नाम व दूसरी सूची में 66 नाम जोड़ दिए हैं। प्रधानमंत्री आवास के पैसों को अन्य खातों में ट्रांसफर कर राशि में हेराफेरी की। इसके बाद 5 अक्टूबर 2019 को तहसीलदार प्रेमशंकर पटेल के आवेदन पर पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष सोनावा व तत्कालीन सीएमओ ओझा के खिलाफ धारा 409, 420, 467, 471 व भ्रष्टाचार अधिनियम में नामली पुलिस थाने में केस दर्ज किया।
तालाब निर्माण में भी किया भ्रष्टाचार
पूर्व परिषद अध्यक्ष सोनावा व सीएमओ ओझा के खिलाफ एक अन्य शिकायत भी हुई। शिकायत नामली के कांग्रेस नेता दिलीप जाट ने 20 मई 2019 को नामली के कोचा तालाब निर्माण में भ्रष्टाचार को लेकर की। इस मामले की भी जांच हुई। जांच में स्पष्ट हुआ कि नगर परिषद पूर्व अध्यक्ष सोनावा, तत्कालीन सीएमओ अरुण ओझा तथा ठेकेदार सैयद अख्तर ने तालाब निर्माण में भ्रष्टाचार कर राशि का गबन किया है। शासन से प्राप्त रुपए के उपयोग में लापरवाही का मामला सामने आया। 5 जनवरी 2020 को नामली पुलिस थाने में 1 करोड़ 81 लाख रुपए के गबन के आरोप में फिर केस दर्ज हुआ।
दोनों मामलों को करीब साढ़े चार से पांच साल होने के बावजूद पुलिस परिषद के पूर्व अध्यक्ष को गिरफ्तार कर नहीं पाई। दोनों मामलों में नामली पुलिस दस्तावेजों पर पूर्व परिषद अध्यक्ष सोनावा को फरार बताती रही। सोमवार को खुद आरोपी सोनावा कोर्ट में पेश हो गया। वहीं तत्कालीन सीएमओ अरुण ओझा को पुलिस ने चार वर्ष पूर्व रतलाम स्थित जवाहर नगर निवास से गिरफ्तार किया था। बाद में उनकी जमानत हो गई।