मंदसौर सहित जिले भर में गुरुवार को दशामाता पर्व आस्था व परंपरा के साथ मनाया गया। सुख, शांति व समृद्धि की कामना को लेकर महिलाओं ने सोलह श्रृंगार कर विधि विधान से दशा माता की पूजा अर्चना की। दशा माता की पूजा चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की दशमी को की जाती है।
इस बार यह तिथि गुरुवार को आई तो महिलाओं ने यह पर्व मनाया। इस व्रत का महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। मान्यता के अनुसार इस व्रत को करने से बुरा समय टल जाता है और अच्छा समय शुरू हो जाता है। इस व्रत के दौरान कई नियमों का पालन किया जाता है। दशा माता की पूजा कर महिलाओं ने घर परिवार में सुख-समृद्धि की कामना की।
पूजन को लेकर पीपल, नीम और बरगद की पूजा करने का विधान है लेकिन अधिकांश जगहों पर पीपल की ही पूजा की गई। पूजा के बाद पेड़ पर सूत का धागा लपेटकर परिक्रमा की गई और राजा नल दमयंती की कथा श्रवण की।
वहीं महिलाएं पीपल की छाल को घर लेकर गई। इस व्रत के चलते गुरुवार को शहर सहित अंचल में महिलाओं द्वारा विभिन्न मंदिरों में शुभ मुहूर्त में पूजा अर्चना की गई।