नीमच - जिले के ग्राम फोफलीया में जय भवानी आजीविका स्व-सहायता समूह से जुडकर कृष्णा कीर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन गई है। वह समूह के माध्यम से शासकीय उचित मूल्य दुकान का सफलतापूर्वक संचालन कर प्रतिदिन सात सौ रूपये की आमदनी प्राप्त कर रही है। आज कृष्णा की पहचान लखपति दीदी के रूप में हो गई है। स्व-सहायता समूह से जुडकर कृष्णा न केवल शा.उ. मूल्य दुकान का संचालन कर रही है, बल्कि मनिहारी की दुकान भी संचालित कर सालाना 2.52 लाख रूपये की आय प्राप्त कर लखपति दीदी बन गई है। इस समूह से उसके परिवार की अन्य महिलाएं भी जुडी हुई है और वे प्रतिवर्ष 1.22 लाख रूपये की आमदनी प्राप्त कर रही है। समूह से जुडने से पहले कृष्णा गृहणी के रूप में कार्य करती थी और उसकी आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी। स्व-सहायता समूह से जुडकर कृष्णा कीर की पहचान अब राशन वाली दीदी के रूप में हो गई है। इस तरह स्व-सहायता समूह से जुडकर कृष्णा कीर ने अपनी एक अलग ही पहचान बना ली है। समूह से जुडने के बाद उन्होने गांव में अपना पक्का मकान बना लिया है। जमीन खरीदी और बाईक भी खरीदी है। उसके बच्चे अच्छे स्कूल में पढाई कर रहे है। स्व-सहायता समूह की वजह से कृष्णा कीर के जीवन एवं परिवार में काफी बदलाव आया है। वे आज महिला सशक्तिकरण की मिसाल बन गई है।