KHABAR : पूर्व विधायक नंदकिशोर पटेल का लेखा आरोप, देश की अग्रणी नीमच पोस्ता मंडी को तबाह कर दिया भाजपा सरकार ने, असंगत और दूषित नियमों की मार से दुःखी व्यापारी हुए पोस्ता कारोबार से विमुख, महीनों से पोस्ता मही बंद, क्षेत्र के हजारों अपनी उत्पदक हो रहे है परेशान, पढ़े खबर

MP 44 NEWS December 10, 2022, 7:57 pm Technology

नीमच 10 दिसंबर पूर्व विधायक और वरिष्ठ इंका नेता नंदकिशोर पटेल ने यहाँ जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि साढ़े छः साल से असंगत नियमों में उचित संशोधन की मांग को लटकाकर भाजपा की प्रदेश सरकार ने नीमच में संचालित देश की अग्रणी पोरता मंडी को लगभग पूरी तरह तबाह कर दिया है। श्री पटेल ने कहा कि दूषित नियमों की मार से परेशान और भयभीत व्यापारियों ने पोस्ता कारोबार से हाथ सींच लिए हैं और अब क्षेत्र के हजारों अरीन उत्पादक अपनी पोरता उपज को जावरा और अन्य मंडियों में बेचने के लिए भटक रहे हैं। इससे किसानों को अनावश्यक खर्च भार वहन करना पड रहा है और उपज के उचित दाम की नहीं मिल रहे हैं।

- विदित ही है कि सरकार द्वारा हर साल प्रदत्त लायसेंसधारी किसानों द्वारा उत्पादित अफीम का सह-उत्पाद पोस्ता दाना होता है स्वास्थ्यवर्धक इस जीन्स की खरीद-फरोख्त के लिए सबसे ब पोस्ता मंत्री नीमच में संचालित होती ही है। पूर्व विधायक नंदकिशोर पटेल ने कहा कि अफीम के डोडा को तोड़कर निकाले जाने वाले पोस्ता दाना में स्वाभाविक रूप से डोबे चूरे के अंश और प्राकृ तिक रूप से ढोड़े से प्राप्त पोस्ते का नगण्य सा भाग काला रहता है। पोस्ते की सफाई और शुद्धता के लिए किसानों से खरीद के बाद व्यापारी छान कर और साटेंक्स के जरिये भुला पार्टी एवं काला दाना अलग करते है। डी पटेल ने कहा कि देश में जब तक डोडाचूरा व्यापार सरकार द्वारा दिये गये ठेके के आधार पर निर्धारित प्रक्रियानुसार होता था तब तक राज्य सरकार पोरता व्यापारियों को भी पोस्ते की छनाई-सफाई करने की अनुमति इस शर्त पर देती थी कि इससे निकलने वाले धुलापाली को निर्धारित ठेकदार को सौंप देंगे। इस व्यवस्था के तहत मही साली से सुचारू रूप से चल रही थी। मध्यप्रदेश और राजस्थान के अपीम उत्पादक नीमच मंडी की तौल और मोल की शुद्धता की साखा के चलते अपनी पोरता उपज यहाँ आकर बेचते थे नीमच मंदी देश की अग्रणी पोरता मही के रूप में विख्यात थी।

असंगत नियमों के चलते नीमच की पोरता मंत्री को लगा आघात

डी पटेल ने कहा कि देश की भाजपा नीत मोरी सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2016 से देश में डोडाचूरा वी खरीद-फरोख्त को पूरी तरह से अका घोषित करने के बाद दूरी आधार पर यप्रदेश सरकार ने राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित कर डोडाचूरा सम्बन्धी सभी नियम निरस्त कर दिए। इरी के अनुरूप डोडाचूरा के ठेके तथा पोस्ता व्यापारियों को सफाई की अनुमति देने की प्रक्रिया की बंद कर ही गई। डोडाचूरा जलाने के प्रबन्धों की जिम्मेदारी राज्य सरकार की शी लेकिन पोस्तादाना सफाई से निकले वाले मटेरियल को नष्ट करने किसके माध्यम से नष्ट करने इत्यादि के बारे में कोई भी नियम नहीं बनाया गया। ऐरी नियमित खामी के चलते पोरता व्यापारियों के सामने बड़ी परेशानियाँ निर्मित हो गई है। डी पटेल ने कहा कि पोस्त में प्राकृतिक रूप से बहुत मामूली अंशों में काला दाना रहता है। यह व्यापारी नहीं मिलाता है और न ही पोरते का व्यापार प्रतिबंधित है। लेकिन नियमों की अस्पष्टता के चलते सफाई किये गए अश की जाँच जाती है जाँच से व्यापारियों को कोई आपत्ति नहीं है लेकिन प्राकृतिक रूप से पोस्ते में आने वाले किसी अंश के लिए व्यापारियों के विरूद्ध एनएस एक्ट के तहत अपराध की कायगी के मामलों से भय का माहौल बन गया है।

साढ़े छः साल की दीर्घ अवधि में भी जारी नियमगत विसंगति का हल नहीं श्री पटेल ने कहा कि सभी पोस्ता व्यापारी किसान और कांग्रेस संगठन अप्रैल 2016 से ही निरंतर मांग करते आ रहे है कि पोस्ता छनाई से निकले वाही सामी के संदर्भ में तुरंत सुरपष्ट एवं समुचित नियमों का निर्धारण करें ताकि व्यापारी निर्वाध एवं निर्भय होकर व्यापार कर सके। लेकिन प्रदेश भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने इस ओर कोई ध्यान ही नहीं दिया। जुलाई 2017 में भी इसी मांगों को लेकर नीमच की पोस्ता मंही लम्बे समय तक बंद रही थी जब आश्वासन दिया गया था कि शीघ्र ही नियमों की विसंगतियों को दूर किया जाएगा। लेकिन साढ़े छह साल रीतन के बाद भी अभी तक नियमों की विसंगतियों असमजस और भय का माहौल कायम है। क्षेत्रिय भाजपा सांसद और विधायक ने भी केन्द्र एवं प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के बावजूद अपने क्षेत्र में विद्यमान इस जटिल समस्या के नियम संगत समाधान के लिए कोई पहल नहीं की है जिससे समस्या और विकराल हो गई है। महीनों से पोस्ता मंडी फिर से बन्द किसानों को हो सी गारी परेशानी एवं शोषण

डी पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार और क्षेत्र के निर्वाचित नेताओं द्वारा किसानों

और व्यापारियों के हितों की लगातार अनदेखी तथा नियमों की विसंगतियों के कारण उत्पन्न परेशानियों के चलते पोस्ता व्यापारियों ने पोस्ता कारोबार से ही हाथ सींच लिया है। इस कारण महीनों से पोरता मेरी बन्द है और सारा व्यापार चौपट हो गया है हजारों अफीम उत्पादक अपनी पोस्ता उपज के विक्रय हेतु जावरा और अन्य दूरस्थ मंडियों में भटक रहे हैं जहाँ उनको वाजिब दाम नहीं मिल पा रहे हैं। आवागमन व्यय का भी भार उनको उठाना पड़ रहा है। श्री पटेल ने कहा कि अफीम फसल वर्ष 2022-23 में भी सरकार ने मध्यप्रदेश के कोई 42 हजार से अधिक किसानों को अफीम उत्पादन के लायसेन्स दिए हैं। तीन माह बाद इन किसानों की की पोस्ता उपज आ जायेंगी लेकिन नीमच की पोस्ता मेरी तब तक रोक से नहीं चल सकती जब तक नियमों की विसंगतियाँ दूर नहीं हो जाती है की पटेल ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि अविलंब इस संदर्भ में पहल कर नियमों की खामियों को दूर किया जाए ताकि व्यापारी निर्भय होकर पुनः पोरते का कारोबार शुरू कर सके और नीमच मेरी की साख की पुनर्स्थापना हो जाए।

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