इंदौर में फ्लैट दिलाने के नाम पर रतलाम के जिला मलेरिया अधिकारी समेत उनके कुछ डॉक्टर दोस्तों के साथ 60 लाख रुपए की धोखाधड़ी हो गई। ना तो फ्लैट मिला और किस्तों में फ्लैट के लिए जो रुपए दिए वह भी नहीं मिले। धोखाधड़ी करने वाले ने रतलाम के जिला अस्पताल के तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर ननावरे के निवास पर रतलाम के डॉक्टरों से मुलाकात की थी। यहां तक खुद को तत्कालीन सीएमएचओ को अपना रिश्तेदार बताया।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. प्रमोद प्रजापति (37) पिता रामखीलावन प्रजापति निवासी डीआरपी लाईन ऑफिसर कालोनी रतलाम व डॉ. गौरव बोरिवाल, सुनील पांचाल, डॉ. सीपी जोशी, धर्मेंद्र चौहान, विवेक जैन, तरुण कसेरा, विनय पासवान आदि लोगों ने थाना स्टेशन रोड पर शिकायत की। शिकायत की जांच के बाद डॉ. प्रमोद प्रजापति की रिपोर्ट पर धोखाधड़ी करने के मामले में अविनाश राव निवासी रतलाम जावरा फाटक एवं अस्थाई निवासी अखंड नगर 60 फीट रोड इंदौर के खिलाफ रतलाम स्टेशन रोड पुलिस थाना ने धारा 420, 406 भादवि में केस दर्ज किया।
जाने क्या है मामला
फरियादी डॉ. प्रजापति ने पुलिस को बताया कि अविनाश राव से पहली मुलाकात रतलाम के तत्कालीन मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) जिला रतलाम डॉ. प्रभाकर नानावरे के घर में एक कार्यक्रम के दौरान हुई थी। आरोपी अविनाश राव ने अपना परिचय सीएमएचओ के रिश्तेदार बताकर दिया। कहा कि मैं नगरी प्रशासन का भी काम देखता हूं। आपको यदि नगरी प्रशासन के किसी भी तरह का काम हो तो मुझे बताइएगा। उसने यह भी कहा की नगरी प्रशासन के जो आवासीय फ्लैट होते हैं वह हमारे ठेकेदारों और कंस्ट्रक्शन कंपनी के होते हैं जिसमें हम कुछ फ्लैट्स अलग से बेचने के लिए मिलते हैं और हमारे माध्यम से हम सेल करते हैं। कम रेट में फ्लैट इंदौर, भोपाल व रतलाम में दिलाने का भरोसा दिलाया।
एडवांस रुपए मांगे
डॉ. प्रजापति अविनाश राव की बातों में आते गए। अविनाश ने पहले कुछ एडवांस डिपॉजिट करने की बात कहते पूरी प्रोसेस समझाई। यहां तक नगरी प्रशासन द्वारा पत्र जारी कर दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया जाकर रजिस्ट्री कर चॉबी देने की बात तक कही। इस पूरी प्रक्रिया में रुपए जमा करने, कितने रुपए देने हैं कब-कब देने हैं यह बताने को कहा।
अविनाश की बातों में आकर बनाया मन
डॉ. प्रजापति को आरोपी अविनाश ने बताया कि नगरी प्रशासन में कुछ डीडी या वहां जाकर फ्लैट के फॉर्म भरने पड़ते हैं। वह प्रक्रिया ऑनलाइन के माध्यम से होती है। लेकिन उसने बोला कि यह नगरी प्रशासन में तो मिलेगा लेकिन कुछ फ्लैट्स जो कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठेकेदार के माध्यम से हमको बेचने के लिए मिलते हैं उसकी पूरी कार्रवाई हमारे माध्यम से ही होती है। अविनाश राव ने फ्लैट की डिटेल संबंधी विज्ञापन डॉ. प्रजापति के वाट्सएप पर शेयर किया था। जिसमें ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, एमआईजी की क्षेत्रफल वार जानकारी थी। अविनाश के कहे जाने पर डॉ. प्रजापति ने फ्लैट लेने का मन बनाया। उसने 2BHK फ्लैट दिलाने की बात कही।
अविनाश राव को 16 अक्टूबर 2023 को उसके Gpay नंबर 9131129906 पर 50000 रुपए डाले। उसने अगले दिन आवेदन भेज दिया। उसमें फोटो लगाकर आधार के साथ जानकारी भरकर हस्ताक्षर करके वाट्सएप से ही वापस भेजने को कहा।
अविनाश राव के बताए अनुसार जानकारी भरकर उसे भेज दी। बाद में उसने सारी प्रोसेस डेढ़-दो महीने में पूरी होकर फ्लैट की चॉबी दिलाने की बात कही।
दोस्तों को बताई बात
डॉ. प्रजापति ने कुछ दिन बाद अपने दोस्तों सुनील पांचाल, डॉ. सीपी जोशी, डॉ. गौरव बोरीवाल, विनय पासवान को फ्लैट वाली बात बताई। दोस्त सुनील पांचाल और डॉ. सीपी जोशी साथ में फ्लैट देखने और जानकारी लेने इंदौर भी गए। लेकिन अविनाश ने व्यस्त बताकर आने से मना कर दिया। बाद में डॉ. प्रजापति ने अविनाश को अपने दोस्तों के साथ इंदौर व रतलाम में फ्लैट देखने की बात बताई। तो अविनाश उनके दोस्तों से भी संपर्क करने लगा।
इस तरह दिया झांसा
आरोपी अविनाश राव ने डॉ. प्रजापति के दोस्तों को भी साझे में लिया। दोस्तों ने अविनाश से पूछा कि आप यह फ्लैट कैसे दिलाते हैं। तब अविनाश ने कहा कि आवास योजना के तहत जो मकान बनाए जाते हैं जो गुजरात की कंपनी बनाती है। उसके ठेकेदार से डायरेक्ट मेरा कांटेक्ट है और जिनमें से कुछ फ्लैट की सेलिंग हम डायरेक्ट करते हैं। इसलिए हमारे पास से कम रेट में फ्लैट उपलब्ध करा देते हैं। उसके द्वारा 2 बीएचके और 3 बीएचके अफोर्डेबल फ्लैट दिलाने की बात बार-बार डॉ. प्रजापति व उनके दोस्तों को कहता रहा।
नगर निगम इंदौर का दिया फर्जी पत्र
6 अप्रैल 2024 को डॉ. गौरव बोरीवाल और सुनील पांचाल के वाट्सएप पर अविनाश राव द्वारा एक पत्र भेजा। जो कार्यालय आयुक्त नगर निगम इंदौर का था। जिसमें 24 अप्रैल 2024 को नगर निगम इंदौर में आवास के दस्तावेज संबंधी प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए पहचान पत्र के साथ उपस्थित होना था। पत्र को लेकर 24 अप्रैल 2024 को नगर निगम इंदौर में सुनील पांचाल गए। कार्यालय में पत्र को दिखाया। पत्र को आवक जावक से मिलान किया तो पत्र फर्जी बताया। सुनील जोशी ने इस बात की जानकारी डॉ. प्रजापति व सारे दोस्तों को फोन से दी।
बाद में पता चला कि अविनाश राव ने डॉ. प्रजापति व उनके सभी दोस्तों को दिए गए कागज, दस्तावेज जो उसने मोबाइल पर भेजे थे, वह सारे दस्तावेज नकली और फर्जी पाए गए। जिनका नगरीय प्रशासन से कोई लेना-देना नहीं था। इसके बाद से अविनाश राव से लगातार संपर्क संपर्क किया। लेकिन वह आज दिनांक तक नहीं मिला।
इनके द्वारा दिए गए रुपए
डॉ. प्रमोद कुमार प्रजापति निवासी विक्रम नगर ऑफीसर कॉलोनी रतलाम, डॉ. गौरव बोरीवाल, सुनील पांचाल, डॉ. सीपी, धर्मेंद्र चौहान, विवेक जैन, तरूण कसेरा इन सभी के द्वारा अविनाश राव के खाते में और मोबाईल नंबर9131129906 में फोन पे व गुगल पे के मटीआई
थाना स्टेशन रोड प्रभारी दिनेश भोजक ने बताया कि इंदौर में फ्लेट दिलाने के नाम पर रतलाम के डॉ. प्रमोद प्रजापति समेत कुछ अन्य के साथ धोखाधड़ी हुई है। सभी अलग-अलग कुल 60 लाख रुपए दे चुके है। इन्हें ना तो फ्लैट मिला और नहीं वापस राशि। अविनाश राव के खिलाफ धारा 420, 406 भादवि में केस दर्ज किया। आरोपी को शीघ्र गिरफ्तार किया जाएगा। पूरे मामले की विवेचना की जा रही है।