नीमच। सितंबर में अफीम नीति की घोषणा होना है और अफीम किसान अपनी मांगों को लेकर लगातार आवाज उठा रहे है। आज भारतीय अफीम किसान संघर्ष समिति के बैनर तले राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के अफीम किसान अपनी मांगों को लेकर नीमच के कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और यहां केंद्रीय वित्त मंत्री के नाम ज्ञापन दिया। डिप्टी कलेक्टर संजय साहू को दिए गए ज्ञापन में अफीम किसानों की मुख्य मांग है कि 1997-98 से किसी भी कारण से कटे पट्टों को शून्य औसत पर बहाल किया जाए। सीपीएस पद्धति बंद कर लुनाई चिराई के अफीम पट्टे दिए जाएं। धारा 8 बटा 29 को सरकार तुरंत समाप्त करें। अफीम का मूल्य अंतर्राष्ट्रीय मानक के आधार पर तय किया जाए। अफीम किसानों ने बताया कि हमारी इन चार मांगों को सितंबर में घोषित होने वाली अफीम नीति में शामिल किया जाना चाहिए। वर्ष 2008 से हम लगातार इन चार मुद्दों को लेकर संघर्षरत है। 16 वर्षों से चली आ रही अपनी मांगों को लेकर हम दिल्ली तक जाएंगे। आगामी दिनों में मंदसौर, मनासा, जावरा, रतलाम आदि जगहों पर ज्ञापन देकर सरकार का ध्यान आकर्षित किया जाएगा। मंदसौर से वाहन रैली भी निकलना प्रस्तावित है। ग्वालियर में भी हम लोग इकट्ठा होंगे। अफीम किसानों ने कहा कि सरकार हमें दो भागों में बांटना चाह रही है। किसानों की आय दुगनी करने की बात हो रही है ,लेकिन किसानों की समस्याओं का निदान नहीं हो रहा। किसानों पर थोपे जा रहे बोझ हटाने की दिशा में सरकार काम करे। ज्ञापन का वाचन नरसिंह दास बैरागी ने किया। इस अवसर पर भोपाल सिंह, निर्भयराम आंजना, भंवरलाल कुमावत, भंवरसिंह गौड़, परसराम मीणा, भंवरलाल लोहार, गोरधन सिंह, जसराज, नाहरसिंह, भंवरलाल जबड़ा, रामप्रसाद मीणा, पर्वत सिंह, मांगीलाल, विजय सिंह, अर्जुन सिंह,भंवरलाल टेलर और बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।