मंदसौर। शासन ने प्रदेशभर के 5 हजार सरकारी स्कूलों की मरम्मत के लिए राशि जारी कर दी है पर इसमें शर्त ये है कि ये राशि दिसंबर तक यूज करनी होगी वरना ये लैप्स हो जाएगी। हर विद्यालय काे रिपेयरिंग के लिए 3-3 लाख रुपए दिए जाएंगे। इनमें जिले के 126 विद्यालय भी शामिल हैं। हालांकि ये आदेश सितंबर में ही जारी हो गए थे पर देरी का कारण जानने के लिए जब हमने पड़ताल की तो पता चला कि सूची 20 सितंबर काे जारी करनी थी पर ये दो दिन बाद यानी 22 को जारी की गई।
30 सितंबर तक पूरी जानकारी विमर्श पोर्टल पर डालना थी पर ये 19 नवंबर तक डाली गई। 7 अक्टूबर को निविदा द्वारा काम के आदेश जारी करना थे जो 30 नवंबर तक जारी किए गए। जल्दबाजी में किए काम से गुणवत्ता को लेकर संशय रहेगा। हालांकि जिम्मेदार अधिकारी गुणवत्ता को लेकर आश्वस्त हैं। उनके अनुसार हर स्टेज पर निगरानी हाेगी। 22 नवंबर को लोक शिक्षण संचालनालय ने विभागीय परिसंपत्तियों के संधारण को लेकर निर्देश जारी किए। पहली बार शाला प्रबंधन विकास समिति को यह कार्य दिया है। इससे पहले यह कार्य पीडब्ल्यूडी के माध्यम से किया जाता रहा है। यह कार्य दिसंबर में ही नहीं हुआ तो भुगतान का भार शाला प्रबंधन विकास समिति अध्यक्ष यानी प्राचार्य पर होगा।
आदेश के बाद...अभी ये प्रक्रिया बाकी
पहले तो आदेश देरी से जारी हुए अब प्राचार्यों को निविदा खोलने एवं तुलना पत्रक तैयार करना है। उपयोग में ली गईं सामग्री एवं मजदूरी के बिल कोषालय में प्रस्तुत करने होंगे, संबंधित फर्मों को भुगतान होगा, ऐसी स्थिति में किए जाने वाले कार्यों के विवरण के आधार पर विभिन्न आयटम वार दरें प्राप्त करना होंगी। न्यूनतम दरों के आधार पर कार्यादेश दिया जा सकता है। इसके बाद एसओआर के आधार पर दर फाइनल करने के पहले मूल्यांकन की माप पुस्तिका जो नियुक्त इंजीनियर संधारित करता है, इसके आधार पर कार्य करने के निर्देश दिए जाएंगे। यह सभी कार्य तकनीकि है। ये सब काम करने के बाद ही निर्माण शुरू हो पाएगा।
ये कार्य कराए जा सकेंगे
छत मरम्मत
सीलिंग मरम्मत
शौचालय मरम्मत
रनिंग वाटर व्यवस्था
फ्लोरिंग
ग्रीन बोर्ड यदि दीवार पर है तो मरम्मत
खिड़की-दरवाजे
बिजली
लैंड स्कैपिंग
बाउंड्रीवाॅल में सुधार आदि।
इसलिए एक महीने का समय ही मिल पाया
भवन प्रभारी को मरम्मत के लिए 20 सितंबर को सूची जारी करना थी, आदेश 22 सितंबर को मिले।
30 सितंबर को पूरी जानकारी विमर्श-पोर्टल पर डालना थी जबकि डाली 19 नवंबर तक।
30 सितंबर कार्यों की सूची एवं आइटमवार बाजार दर पर व्यय निर्धारित प्रारूप में तैयार करना था जो अब तक नहीं हुआ।
7 अक्टूबर को निविदा द्वारा कार्यादेश जारी करना था जो 30 नवंबर तक हुआ।
15 दिसंबर तक कार्य पूर्ण करना है लेकिन 1 दिसंबर तक काम शुरू ही नहीं हुए। इसे देखते हुए 30 दिसंबर तक की छूट दी है।