नीमच। राज्य सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव तो करवा दिए। हजारों सरपंच जनपद एवं जिला पंचायत सदस्य के निर्वाचन हो गए लेकिन चुनाव के 6 माह बीत जाने के बाद भी ने नवीन सरपंचों,जिला एवं जनपद सदस्यों को सरकार ने किसी भी प्रकार की विकास राशि जारी नही की गई। जिससे सरपंच,जिला एवं जनपद सदस्य अपने क्षेत्र में कोई राशि नहीं दे पा रहे है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में कोई विकास कार्य नही हो पा रहे है।
यह आरोप कांग्रेस नेता व जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने लगाया है। बाहेती ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद जनता को निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से उम्मीद होती है कि वे चुनाव में किए गए वादों को पूरा करेंगे लेकिन मध्यप्रदेश शासन की लेटलतीफी से पंचायतों के विकास कार्य ठप हो गए हैं। फंड के अभाव में ग्राम पंचायतों में विकास कार्य आरंभ नहीं हो पाए हैं। हालात यह है कि राज्य सरकार राशि भेजने में भारी लेतलाली कर रही है, जिसका खासा उदाहरण 2021-22 के 15वें वित्त की राशि सत्र अभी दिसंबर 2023 में जारी की गई है ,जबकि सत्र 2022-23 की राशि जारी करने का कोई अता पता नही है। ऐसे में कैसे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में निर्वाचित हुए जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्रों में विकास कार्य कराए।
जिला पंचायत सदस्य तरुण बाहेती ने आंकड़ो समेत बताया कि नीमच जिले में 243 ग्राम पंचायते, 75 जनपद वार्ड और 10 जिला पंचायत वार्ड है, जिसने में विकास के लिए राज्य सरकार राशि जारी करती है, लेकिन विडंबना पंचायत क्षेत्रों में ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला पंचायत के माध्यम से होने वाले विकास कार्य ठप है। कारण यह है कि राशि का अभाव है। सरकार ने सत्र 2021-22 के 15वें वित्त की राशि अब जाकर जारी की है, जबकि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को संपन्न हुए 6 माह होने को है।
सत्र 2022-23 को समाप्त होने में 4 माह शेष-
श्री बाहेती ने बताया कि वर्तमान में सरकार ने सत्र 2021-22 के 15वें वित्त की राशि जारी हुई, जबकि सत्र 2022-23 का फंड अब तक जारी नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि खास बात यह है कि सत्र 2022-23 के 8 माह पूरे होने को हैं और सत्र की समाप्ति में सिर्फ 4 माह शेष रह गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ग्राम पंचायतों में विकास के लिए फंड जारी करने के दावे करने वाली राज्य सरकार के दावें वर्तमान में फैल साबित हो रहे हैं।
-लागत दुगुनी पर घटा दी गई राशि
जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने कहा कि महंगाई साल दर साल बढ रही है, जिसके कारण रेती, सीमेंट, सरिया और ईट के भाव बढे हैं, पर समस्या यह है कि सरकार ने पंचायतों में होने वाले विकास कार्यों की राशि नहीं बढाई गई है। हालात यह है कि नीमच जिला पंचायत के मद में 2020-21 में 217 लाख रूपए जारी हुए थे, जो सभी सदस्यों को बराबर वितरण किये जाते है। लेकिन उसके बाद महंगाई को देखते हुए राशि बढाने के बजाय घटा दी गई है। विडंबना यह है कि 2021-22 में 169 लाख व 2022-23 में भी 169 लाख रूपए की कार्ययोजना ही प्रस्तावित की गई है जबकि सीसी रोड अन्य विकास कार्यों की लागत पिछले 3 वर्षों की तुलना में अभी दोगुनी हो गई है। राज्य सरकार को उसी अनुपात में राशि बढ़ानी चाहिए लेकिन राज्य सरकार के पास खजाना खाली है जिसका खामियाजा ग्रामीण क्षेत्र की जनता भुगत रही है।