नीमच - इतिहास गवाह है कि जिनशासन की रक्षा के लिए आचार्य ने अपने प्राणों तक का न्योछावर कर दिया। आचार्य भगवंत किसी भी संघ या समुदाय के हो, परंतु समय-समय पर जिन शासन के लिए एकजुट होकर धर्म की उन्नति के लिए सदैव तत्पर रहे हैं
साधु संतों के त्याग और बलिदान के कारण ही जिन शासन हजारों वर्षों सेअविरल प्रवाहित हो रहा है। यह बात आचार्य विश्वरत्न सागर जी महाराज ने कही। वे
श्री जैन श्वेतांबर समाज भीडभंजन पार्श्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के तत्वावधान में बुधवार सुबह 9:30 बजे जैन भवन सभागार में आयोजित प्रवचन श्रृंखला में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर के 2700 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी यदि जैन धर्म और जिन शासन चल रहा है तो उसे यहां तक लाने युग युगांतर तक ले जाने की जिम्मेदारी आचार्य भगवंतो के कंधों पर रहती है।
-धर्म सभा मे कीर्ति रत्न सागर जी महाराज ने कहा कि श्री महाराज श्री कृष्ण ने 18हजार साधुओं को चरण वंदन कर अपने चार नरकों के पापों का क्षय किया था। जब तक हमारे पास कोई वस्तु होती है हम उसका महत्व नहीं समझते लेकिन वह वस्तु जो हमसे दूर चली जाती है तो उसका महत्व हमें समझ आता है। जिसका बैंक में खाता नहीं, जिसके सर पर छाता नहीं ,जिसके पैरों में जूता नहीं, जिसका परिवार से नाता नहीं, जिनका परिवार पूरा समाज होता है उसे जैन संत कहते हैं। यदि हम किसी दूसरे व्यक्ति को बुरे शब्द बोलकर गाली बकते हैं तो उससे हमें ज्यादा नुकसान होता है सामने वाले को कम होता है हमारे पाप कर्म बढ़ते हैं। जैन धर्म भाव प्रदान होता है। भावना उत्कृष्ट होती है वहां धर्म होता है। संयम जीवन में तनाव मुक्ति रहती है और जीवन में आनंद रहता है। सामाजिक जीवन में रहते हुए मनुष्य यदि सकारात्मक और अच्छा सोचता है तो जीवन में कभी दुख नहीं आता है। मन में पवित्र भाव हो तो पत्थर की मूर्ति में भी परमात्मा के दर्शन होते हैं। और यदि मन में भाव नहीं हो तो परमात्मा की मूर्ति भी पत्थर के रूप में दिखती है इसलिए हमारे जैसे भाव होते हैं वैसी ही हमें दृष्टि और सृष्टि दिखाई देती है।शुभारंभ में गुरु वंदना विजय छाजेड़ द्वारा करवाई गई। गुरुदेव द्वारा मंगलिक श्रवण करवा कर सभी को आशीर्वाद प्रदान किया गया।इस अवसर पर समाज जन सहित बड़ी संख्या में समाज जन उपस्थित थे। महा मंगलिक प्रदाता आचार्य श्री नवरत्न सागर जी महाराज के शिष्य रत्न युवाचार्य श्री विश्वरत्न सागर जी महाराज आदित्यनाथ 6,का सानिध्य मिला।
सकल जैन समाज एवं श्री जैन श्वेतांबर भीडभंजन पार्श्वनाथ ट्रस्ट के अध्यक्ष अनिल नागौरी मनीष कोठारी ने बताया कि प्रतिदिन रात्रि को 8:30 बजे जैन भवन में जीवन जीने की कला पर विशेष प्रवचन प्रवाहित हो रहे हैं सभी पधारकर धर्म लाभ के ज्ञान में अभिवृद्धि करे।
आगामी 28 अप्रैल को मिडिल स्कूल मैदान पर महान संतों द्वारा मांगलिक श्रवण कराई जाएगी। सभी समाज जन समय पर पहुंचकर महामंगलिक आशीर्वाद का पुण्य लाभ ग्रहण करें। धर्म सभा का संचालन ट्रस्ट सचिव मनीष कोठारी ने किया।