नीमच - जिले में दुग्ध समितियों से अधिकाधिक पशुपालकों को जोड़कर दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के विशेष प्रयास किए जाए। जिससे, कि पशुपालकों की आय में वृद्धि हो और दुग्ध समितियॉं सशक्त बने। यह निर्देश कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने शुक्रवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष नीमच में जिले की दुग्ध समितियों, पशुपालन, कृषि, सहकारिता एवं डेयरी विभाग की बैठक में नीमच दुग्ध समृद्धि अभियान पर चर्चा करते हुए संबंधित अधिकारियों को दिए।
बैठक में कलेक्टर ने दुग्ध समितियों के सदस्यों की संख्या बढाने, नये पशुपालकों को समितियों से जोड़ने, नई दुग्ध समितियों का पंजीकरण करवाने, पशुपालकों को केसीसी उपलब्ध कराने, पशुपालन में नस्ल सुधार एवं उन्नत नस्ल के पशुपालन को बढाने, पशुपालकों को पशुओं को रोगमुक्त रखने के लिए टीकाकरण पर विशेष ध्यान देने तथा पशुओं के बेहतर पोषण के लिए पोषण प्रबंध प्रशिक्षण की व्यवस्था करने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए।
बैठक में बताया गया, कि नीमच दुग्ध समृद्धि अभियान के तहत वर्तमान में संचालित 112 दुग्ध समितियों की संख्या बढाकर 200 करने का लक्ष्य रखा गया है। जिले में बंद 88 दुग्ध समितियों को पुन: क्रियाशील किया जाएगा। इनमें से 38 समितियों को पुर्नजीवित करने, 50 नई समितियों को गठित करने, दुग्ध समितियों के सदस्यों की संख्या 4640 से बढाकर 6610 करने, वर्तमान में 14 मिल्क रूट को बढाकर 20 मिल्क रूट करने, वर्तमान में केसीसी धारक 1300 पशुपालकों की संख्या बढ़ाकर सभी 4958 पात्र पशुपालको को केसीसी उपलब्ध करवाने, औसत दुग्ध संग्रहण प्रति समिति 95 लीटर प्रति दिन से बढ़ाकर 156 लीटर प्रति दिन करने तथा कुल दुग्ध संग्रहण 11 से 12 हजार लीटर प्रतिदिन से बढाकर 20 से 22 हजार लीटर प्रति दिन करने, दुध प्रदाय करने वाले पशुपालकों की औसत संख्या प्रति समिति 20 से बढाकर 25 करने का लक्ष्य रख कर कार्य किया जा रहा है।
कलेक्टर ने पशुपालन विभाग को निर्देशित किया,कि वे पात्र दुग्ध समितियों के पात्र सदस्यों को कृत्रिम गर्भाधान (एआई) करने का प्रशिक्षण दिलवाए, जिससे वे ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालकों को अपनी सेवाएं प्रदान कर अपनी आय भी बढा सकें। कलेक्टर ने समिति सदस्यों को उन्नत नस्ल के दुधारू पशु उपलब्ध करवाने हेतु शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने के निर्देश भी दिए।