कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी शुक्रवार को जिला कोर्ट में पेश हुए। दरअसल, विधानसभा उप चुनाव के एक मामले में छोटी ग्वालटोली पुलिस ने पटवारी समेत अन्य कांग्रेसियों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने का केस दर्ज किया था। इन सभी ने मौके पर धरना प्रदर्शन कर शासकीय कार्य में बाधा डाली थी। वहीं, कोरोना के समय प्रदर्शन करने के मामले में भी पटवारी के केस की सुनवाई हुई।
सुबह पटवारी अपने समर्थकों के साथ जिला कोर्ट पहुंचे। पेशी के बाद पटवारी ने मीडिया से चर्चा में कहा कि आज कोर्ट के सामने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। कोविड काल में जनहित को लेकर जो विपक्ष का दायित्व निभा रहे थे। मेरे कई साथी भी शामिल थे। आज मेरी पेशी थी। लोग हताहत हो रहे थे, जान गंवा रहे थे। न अस्पताल थे, न बेड ऑक्सीजन भी नहीं थी। सबका संघर्ष था। तब सरकार को जगाने और कमियां बताने का समय था। उसे लेकर कोर्ट ने हमें आज बुलाया था। मेरा गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं हुआ था।
चौकसे ने चोरी का मुद्दा उठाया, FIR हो गई
नगर निगम नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे को लेकर बोला कि चिंटू पर धारा 307 के तहत केस दर्ज किया। उन्होंने 2 हजार करोड़ की चोरी का मुद्दा उठाया। ये अधिकारियों, एमआईसी, पार्षदों ने करप्शन किया। निगम के 2 हजार कर्मचारी अफसरों-नेताओं के यहां अटैच हैं। उनकी तनख्वाह शहर की जनता देती है। चिंटू ने मुद्दा उठाया तो उन पर केस दर्ज करके अंदर कर दिया।
सांवेर उपचुनाव के मामले में हुई पेशी
एडवोकेट संतोष यादव ने बताया कि 2018 के सांवेर उप चुनाव के दौरान एक समर्थक पर जिला बदर की कार्रवाई की गई थी। इसके विरोध में कांग्रेस ने डीआईजी को ज्ञापन दिया था। इसमें कुछ कांग्रेस नेताओं को वारंट जारी किए गए थे। जिसकी आज सुनवाई थी।
पंकज संघवी, विनय बाकलीवाल सहित 15-16 नेताओं की जमानत पर भी सुनवाई होना थी। कोर्ट ने प्रदेश अध्यक्ष को उपस्थित होने का निर्देश दिया था। पटवारी को मेडिकल ग्राउंड पर माफी दी गई थी। इसलिए उन्हें वारंट जारी नहीं किया गया। अब तक 20-25 पेशी हो चुकी है।