नीमच - महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान आरंभ किया गया है। बाल विवाह मुक्त अभियान बाल विवाह समाप्त करने और देश भर में युवा लड़कियों के सशक्तिकरण हेतु सरकार के प्रयासों का प्रमाण है। प्रदेश में बाल विवाह के प्रकरणों में कमी आई है।
प्रदेश में प्रति वर्ष कुछ विशेष तिथियों में सामूहिक विवाह होते हैं। इन तिथियों में एक अक्षय तृतीया अथवा आखातीज भी है, जो इस वर्ष 30 अप्रैल 2025 को है। इस अवसर पर सामूहिक विवाह सम्पन्न होते हैं, जिसमें बाल विवाह होने की संभावना होती है। ग्रामीण अंचलों में इन अवसरों के अलावा भी बाल विवाह हो सकते हैं।
बाल विवाह की रोकथाम के लिए महिला एवं बाल विकास म.प्र.शासन द्वारा निर्देश जारी किए गये है, कि बाल विवाह रोकथाम के लिए विद्यार्थियों में जागरूकता सभी शासकीय कॉलेज, स्कूलों में अक्षय तृतीया के पूर्व बाल विवाह न होने पाये इस हेतु विद्यार्थियों को जागरूक बनाते हुये, सभी हेल्पलाईन का प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए गए है।
शपथ 28 अप्रैल को सभी ग्राम पंचायत के पंच, सरपंच, सचिव को बाल विवाह न होने देने की शपथ दिलाई जाएगी।
रैली 29 अप्रैल को अक्षय तृतीया के पूर्व स्कूली बच्चों, आंगनबाड़ी के बच्चों की रैली निकाली जायेगी।
गाँवों में समूह में चर्चा- अक्षय तृतीया के पूर्व स्वसहायता समूह की दीदीयाँ गाँवों में समूह में चर्चा कर बाल विवाह रोकथाम हेतु प्रयास करेंगी।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा की मदद से 18 वर्ष से कम उम्र की अविवाहित किशोरियों की जानकारी एकत्रित कर सूची सभी जिला पुलिस अधीक्षकों, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, पंच/सरपंच, सचिवों को सौंप कर सूची अनुसार इन परिवारों पर विशेष निगरानी रखी जायेगी और उन्हें बाल विवाह न करने के संबंध में समझाइश दी जाएगी। सभी पंच/सरपंच, सचिवों को सामूहिक विवाह आयोजनों में सजग रहने का अनुरोध किया गया हैं।
सभी तरह की हेल्पलाईन 181, 1098, 100 का प्रचार किया जाएगा। बाल विवाह मुक्त भारत पोर्टल https://stopchildmarriage.wcd.gov.in पर शिकायत दर्ज करने का भी प्रचार प्रसार करने का भी अनुरोध किया जा रहा हैं। बाल विवाह रोकथाम अभियान में, समाज के ऐसे प्रभावशाली व्यक्ति, समूह जो, कि वैवाहिक कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, का भी सहयोग लिया जावेगा। इन अवसर पर निगरानी रखते हुए एक अभियान के तौर पर बाल विवाह रोकथाम के लिए कार्यवाही की जावेगी।
सूचना दल का गठनः सभी तरह की हेल्पलाईन 181. 1098, 100 एवं जिले के वन स्टॉप सेंटर का प्रचार किया जावेगा। बाल विवाह रोकथाम प्रत्येक ग्राम/वार्ड में बाल विवाह की सूचना प्राप्त करने सूचना दल का गठन किया जावेगा। सूचना दल में शिक्षक, ए.एन.एम. आशा कार्यकर्ता, स्वसहायता समूह की सदस्य, शौर्यादल की अध्यक्ष समन्वयक / सदस्य/आंगनवाडी कार्यकर्ता, सहायिका, मातृ सहयोगिनी समिति, सरपंच, पंच, ग्राम पंचायत सचिव एवं ग्राम/वार्ड के सक्रिय नागरिक आदि हो सकते हैं। सूचना दल ग्राम/वार्ड में हो रहे विवाहों की जानकारी रखेंगे तथा बाल विवाह होने पर कंट्रोल रूम/बाल विवाह विवाह प्रतिषेध अधिकारी (कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, अनुविभागीय अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग) को तत्काल सूचित करेंगे।
कंट्रोल रूम का गठनः जिला एवं ब्लॉक स्तर पर विशेष विवाह मुहूर्तो के पूर्व कन्ट्रोल रूम (24X7) स्थापित किया जावेगा। कन्ट्रोल रूम में उपयोग में लाए जा रहे दूरभाष नम्बर का प्रचार-प्रसार किया जावेगा। कंट्रोल रूम में बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल संबंधित क्षेत्र के बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी को सूचित करेंगे।
उड़न दस्ता का गठनः बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी एवं अन्तर्विभागीय समन्वय से जिला स्तर एवं परियोजना स्तर पर आवश्यकतानुसार उड़न दस्ते गठित किये जायेंगें। उड़न दस्ता अपने क्षेत्र में हो रहे सामूहिक विवाह, विवाह स्थलों का भ्रमण करेंगे तथा सुनिश्चित करेंगे कि कोई बाल विवाह तो सम्पन्न नहीं किया जा रहा है। भ्रमण के दौरान बाल विवाह की सूचना अथवा बाल विवाह होना पाये जाने पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।