विधानसभा चुनाव आते - आते नीमच में विधानसभा दावेदारों की फौज़ बढ़ती जा रही है। नीमच में विधानसभा चुनाव के 100 दिन पहले छह उम्मीदवारो ने भोपाल में अपनी हाजरी लगाकर कांग्रेस अलाकमान को अपनी दावेदारी का अहसास करवा दिया है। अब अलाकमान सर्वे के आधार पर दावेदारों की हैसियत खंगालने में जुट गया है। जानिए दावेदारों का राजनीतिक टेस्ट जिस के आधार पर छवि को चमकाने का प्रयास किया जा रहा है।
उमराव सिंह गुर्जर:- दलित आदिवासी किसान राजनीति-
उमरावसिंह गुर्जर छात्र काल से ही राजनीति में सक्रीय है और उन्हें कांग्रेस किसान नेता के नाम से पुकारा जाता है। वह किसानो के साथ दलित आदिवासी के मुद्दो पर मजबूत पकड़ रखते है और मुस्लिम समाज में भी उनका प्रभाव माना जाता है। विधानसभा चुनाव 2023 में एक बार फिर वह मजबूत दावेदार के तौर पर उभर रहे हैं। नीमच विधानसभा में उमरावसिंह गुर्जर एक वाहिद ऐसे उम्मीदवार है। जो एक्स सीएम कमलनाथ के कट्टर समर्थक माने जाते है।
तरूण बाहेती - जहां जनहित वहां तरूण बाहेती-
नीमच कांग्रेस राजनीति में युवा नेता तरूण बाहेती ने कम समय में अपनी वह पहचान खड़ी की जिससे कांग्रेस के बड़े नेताओ के भी होश उड़ गए। वह नीमच विधानसभा के जीतू पटवारी साबित हुए। जिस तरह दिग्विजय और कमलनाथ की छवि के उलट जीतू पटवारी ने मालवा में अपनी पहचान बनाई उसी तर्ज पर नीमच के उमराव और नंदू पटेल के बीच तरूण बाहेती ने अपना लोहा मनवा लिया। वह शिक्षा, स्वास्थ्य, किसान, विकास सहित अनेकोनेक मुद्दो पर मुखरता से आवाज उठाते हैं। बीते पांच सालो में विधानसभा दावेदारों में दूसरे नम्बर पर तो सक्रियता के मामले में पहले नम्बर पर माने जातेे है। बाहेती सॉफ्ट हिंदुत्व के साथ संघ के हिंदुत्व के कट्टर विरोधी दिग्विजयसिंह के समर्थक माने जाते है।
नंदकिशोर पटेलः कृषि राजनीति-
अविभाजित नीमच विधानसभा विधायक नंदकिशोर पटेल ने कृषि क्षेत्र में काफी काम किया। किसानो के प्रेम-दुलार के बलबुते वह एक बार फिर विधानसभा की दावेदारी ठोक रहे है। नीमच में भी कई डेम और सूखे और मरी हुई फसलों तक पानी पहुंचाने काम किया। नंदकिशोर पटेल की चमकती छवि और अपने वजूद को खड़ा करने के लिए ही उमरावसिंह गुर्जर ने किसानो की राजनीति की शुरूआत की थी। कांग्रेस के लोग भी उमरावसिंह गुर्जर को नंदकिशोर पटेल का विकल्प मानते थे। नंदकिशोर पटेल की साफ - सुथरी छवि को नीमच का हर वर्ग पसंद करता था लेकिन सत्ता विरोधी लहर ने उन्हे डूबा दिया था। श्री पटेल दिग्विजयसिंह के खास लोगो में गिने जाते है।
हरीश दुआ:- गुटबाजी का खात्मा-
पूर्व नपाध्यक्ष प्रतिनिधी हरीश दुआ अपने आपको यह दर्शाने में कामयाब हो रहे है की कांग्रेस की गुटबाजी को खत्म करने के लिए मुझसे बेहतर विकल्प कोई नही है। उन्होने नगरपालिका में रहते हुए शहरहित जनहित और विकास कार्यो का अंबार लगाया। अब इसी के सहारे वह विधानसभा में कांग्रेस का परचम फहराने का दावा कर रहे है। वह कमलनाथ को कांग्रेस को जीताने और नीमच से कांग्रेस की गुटबाजी खत्म करने का दावा कर आए है। बशर्ते उन्हें कांग्रेस से नीमच विधानसभा का टिकट दे दिया जाए। श्री दुआ राहुल गांधी की खास पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन के खास माने जाते है।
मधु बंसल: आयरन लेडी-
नारी शक्ति के नाम कांग्रेस नेत्री मधु बंसल का नीमच में बोलबोला है। उन्होने ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा के दिग्गजों का धूल चटाई हैं। वह दो बार जिला पंचायत सदस्य रह चुके है। उनके कार्यकाल में विकास के कई कार्य हुए। जिसकी बदौलत ग्रामीण क्षेत्रों में बधु बंसल का जनाधार माना जाता है। वह दिग्विजयसिंह के खास मानी जाती है। वर्तमान में विधानसभा की दावेदार है।
भानू प्रतापसिंह राठौड़: युवाओ की राजनीति-
नीमच ही नही वरन पूरे मध्यप्रदेष में भानूप्रतापसिंह राठौड़ सबसे युवा चेहरा विधानसभा की दौड़ में शामिल है। वह कांग्रेस एनएसयूआई में बतौर जिलाध्यक्ष रहते हुए उन्होने कांग्रेस में युवाओ की फौज़ खड़ी कर दी। वह मिडिया के जरिए षहरहित के कई मुद्दो को उठाते आए है। कांग्रेस में अपने लीडरों के आदेश पर कई बार सड़को पर भानूप्रताप ने लड़ाई लड़ी। वह युवाओ के सहारे विधानसभा चुनाव जीतने का दावा करते है। वह दिग्विजयसिंह के समर्थक माने जाते है।