मंदसौर। प्लास्टर ऑफ पेरिस की गणेश प्रतिमाओं से फैलते पर्यावरण प्रदूषण को देखते हुए जनकुपुरा क्षेत्र की नरसिंह घाट गली में रहने वाली चंचल रोशनी माली ने गांव से मिट्टी मंगवाकर पर्यावरण सरंक्षण का संदेश देने के लिए खुद अपने हाथों से गणेश जी की प्रतिमा बनाई और आज गणेश चतुर्थी पर इस प्रतिमा की पूजा अर्चना करते हुए क्षेत्र के चवरा मंदिर में स्थापित किया। गणेश महोत्सव को लेकर शहर में कई जगह गणेश जी की मूर्तियां स्थापित की गई है।
शहर के जनकूपुरा में रहने वाली 18 वर्षीय चंचल माली रोशनी ने एक महीने की मेहनत से मिट्टी के गणपति बना कर उनको सुंदर तरीके से सजा कर आज से घर में ढोल ढमाको के साथ पूजन करके 10 दिवसीय महोत्सव की शुरूआत की। पर्यावरण संरक्षण को श्रद्धा से जोड़कर गणेश प्रतिमा का आकार देने वाली सोच अनुकरणीय है। मिट्टी को तराश कर गणेश प्रतिमा बनानें वाली रोशनी माली चंचल ने बताया कि श्रद्धा के साथ ही हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि पर्यावरण को नुकसान ना हो।
प्रकृति प्रदूषित ना हो इसलिए हमने मिट्टी के गणेश जी घर पर बनाए हैं। बाजार में बिकने वाली प्रतिमाओं को कैमिकल आदि से तैयार किया जाता है जो नदी व तालाबों में विसर्जन करने से पानी प्रदूषित होता है। लिहाजा हमनें घर पर ही मिट्टी के गणपति बनाकर स्थापित कर दिये।
इससे विसर्जित करने पर भी किसी प्रकार का पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा। डेढ़ महीने में तैयार की मूर्ति चंचल ने बताया कि इस बार गणेश चतुर्थी को पर्यावरण सरंक्षण का संदेश देने का विचार करके एक महीने पहले मिट्टी से गणेश जी की मूर्ति बनाने का विचार बनाया।