BIG_NEWS : 7561 किसानों को नारकोटिक्स विभाग ने जारी किए अफीम के पट्टे, दीपावली के कारण सात दिन तक बन्द रहेगा सेटलमेंट का काम, 11 किसानों के लाइसेंस भी हुए कैंसल

MP 44 NEWS October 16, 2022, 1:33 pm Technology

नारकोटिक्स विभाग ने 6 दिन पहले से ही किसानों को अफीम की खेती करने के लिए लाइसेंस देना शुरू कर दिया। अब तक विभाग की ओर से लगभग साढ़े सात हजार से भी ज्यादा किसानों को अफीम के पट्टे जारी कर दिए गए। लाइसेंस देने का काम दीपावली के कारण 7 दिन के लिए बंद रखा जाएगा। वहीं, विभाग को उम्मीद है कि इस बार किसानों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। पहले और तीसरे डिवीजन में कुल 11 किसानों के लाइसेंस भी कैंसल हुए है।

29 सितंबर को केंद्र सरकार द्वारा अफीम नीति की घोषणा की गई, जिसके बाद से 10 अक्टूबर से किसानों को अफीम के लाइसेंस देने का काम शुरू हो चुका है। इससे ना सिर्फ किसानों को फायदा होगा, बल्कि अफीम किसानों के बढ़ोतरी को लेकर भी संभावनाएं जताई जा रही है। इससे किसानों में भी खुशी देखी जा रही है। विभाग के तीनों डिवीजन में करीब 7561पट्टे अभी तक जारी कर दिए गए है। मात्र 6 दिनों में ही इतने किसानों को लाइसेंस मिल चुका है इसके बाद किसान आगे का प्रोसेस शुरू कर सकता है। जिला अफीम अधिकारी (प्रथम खंड) के.एल छापरिया ने बताया कि अफीम बंदोबस्त (अफीम सेटलमेंट यानी किसानों को लाइसेंस देने का काम) 10 अक्टूबर से ही शुरू हो चुका है जो 20 अक्टूबर तक जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि दीपावली के कारण कुछ दिनों का गैप लिया जा रहा है। दीपावली खत्म होते ही यह सेटलमेंट का काम 28 अक्टूबर से फिर से शुरू किया जाएगा, जो 5 नवंबर तक चलेगा। जिन किसानों को भी अफीम के पट्टे चाहिए, वह इसी तिथि के अंदर ही आवेदन कर सकता है।

तीनों खंडों में अभी तक दे दिए 7561 पट्टे

- जिला अफीम अधिकारी (प्रथम खंड) के.एल छापरिया ने बताया कि पहले डिवीजन में 5305 किसान पहले के थे, जिनमें से 134 किसानों ने सीपीएस पद्धति से खेती की थी। इस साल इन 6 दिनों में 2637 पट्टे जारी कर चुके है। इसके अलावा फर्स्ट डिवीजन में 8 किसानों के पट्टे कैंसल किए जा चुके हैं।

- सेकंड डिवीजन के जिला अफीम अधिकारी रंजना पाठक ने बताया कि पिछले साल 4602 किसानों ने अफीम की खेती की थी। इस साल एक भी किसान से लाइसेंस कैंसल नहीं हुए। अधिकारी रंजना पाठक का कहना है कि सेकंड डिवीजन में 28 पट्टे बढ़ने के पूरी संभावना है। इस साल 4630 किसानों को लाइसेंस दिया जाएगा। अब तक 2305 किसानों के पट्टे जारी कर दिए गए।

- थर्ड डिवीजन जिला अफीम अधिकारी आरएल मीणा ने बताया कि इस खंड में पिछले साल 5668 किसानों ने अफीम की खेती की थी। उनमें से 721 किसानों ने सीपीएस पद्धति से खेती की थी। इस साल 3 किसानों के लाइसेंस कैंसल किए गए और अब तक 2619 पट्टे दिए गए। तीनों खंडों की तहसील

चित्तौड़गढ़ में तीन डिवीजन है। पहले डिवीजन में चित्तौड़गढ़, भदेसर, बस्सी और उदयपुर की वल्लभनगर, भिंडर, कानोड़ तहसीलें है। दूसरे डिवीजन में कपासन, भूपालसागर, डूंगला, गंगरार, राशमी और उदयपुर की मावली तहसील है। तीसरे डिवीजन में निम्बाहेड़ा और बड़ीसादड़ी तहसीलें हैं। जिले की दो तहसीलें बेगूं और रावतभाटा भीलवाड़ा खंड में है। बेगूं और रावतभाटा के किसानों का अफीम तौल सिंगोली में होगा।

किसानों ने जताई खुशी

वहीं, अफीम के लाइसेंस प्राप्त करने के बाद किसान खुश दिखाई दे रही हैं। किसानों का कहना है नारकोटिक्स विभाग द्वारा मार्फिन के आधार पर इस वर्ष सभी किसानों को एक समान 10-10 आरी के पट्टे दिए जा रहे हैं। वहीं, जिन किसानों को मार्फिन मात्रा 4.2 से कम है, उन किसानों को सीपीएस पद्धति में लाइसेंस दिए गए है, जिसमें किसान चिरा नहीं लगा सकते है।

जानें क्या है नई नीति 2022-23

- सभी पात्र किसानों को 10-10 आरी के पट्टे दिए जाएंगे।

- किसान 2 से अधिक भूखंडों पर अफीम की बुवाई कर सकते हैं।

- काश्तकार यदि चाहे तो लाइसेंस प्राप्त करने के लिए पट्टे पर दूसरों की भूमि ले सकता है।

- आगामी वर्ष 2022-23 में प्रति हेक्टेयर 5.9 किलोग्राम मार्फिन देनी होगी।

- 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के दौरान फसल की जुताई करने वाले किसानों को वर्ष 2023-24 के लिए पात्र नहीं माना जाएगा।

- लुइनी-चिरनी में 4.2 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से ऊपर मार्फिन देने वाले किसानों को भी 10-10 आरी के पट्टे दिए जाएंगे।

- 1999 से 2021 तक 6 प्रतिशत से अधिक मार्फिन देने वाले किसानों को भी पट्टे दिए जाएंगे।

- सीपीएस पद्धति में 3 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से ऊपर और 4.2 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से नीचे मार्फिन देने वालों को भी 10-10 आरी के पट्टे दिए जाएंगे।

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