मंदसौर। खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए सरकार ने किसानों को सब्सिडी की सुविधा उपलब्ध कराई। सप्लायर को लाभ पहुंचाने के लिए अफसरों ने नियम ही बदल डाले। मंदसौर के एक किसान द्वारा की गई शिकायत के बाद लोकायुक्त के प्रकरण दर्ज करने से मामला उजागर हुआ है। इसमें केवल मंदसौर जिले में ही 5 करोड़ रुपए से ज्यादा की गड़बड़ी सामने आई है। लोकायुक्त ने संचालक उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी भोपाल, उपसंचालक उद्यानिकी, सप्लायर सहित 15 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। किसान व सरकार के साथ इस तरह की गड़बड़ी मंदसौर, देवास सहित प्रदेश के 15 जिलों मेें हुई है। देवास के मामले में उज्जैन लोकायुक्त ने जांच रिपोर्ट भेजी है।
जिले के दलौदा निवासी किसान मुकेश पाटीदार ने शिकायत में कहा था कि उद्यानिकी विभाग की योजना एकीकृत बागवानी मिशन, यंत्रीकरण, प्रधानमंत्री सिंचा, राष्ट्रीय कृषि विकास, राष्ट्रीय औषधि मिशन योजनाओं में भारी अनियमितताएं की गई हैं। जांच में सामने आया कि मंदसौर जिले में सबसे अधिक राशि स्वीकृत की है। वर्ष 2017-18,18-19 में जिले को 3 करोड़ 9 लाख 40 हजार रुपए स्वीकृत हुए। 2018-19 में बागवानी यंत्रीकरण के लिए 2 करोड़ 35 लाख 72 हजार रुपए का बजट स्वीकृत किया।
घटक यंत्रीकरण में 2017-18 में जिले को 14.05 लाख रुपए तथा 2018-19 में 22.76 लाख रुपए आवंटित किए। सरकार द्वारा जारी नियम के अनुसार यह राशि लाभान्वित किसानों के खाते में जाना थी। उपसंचालक मंदसौर ने राशि का भुगतान कंपनियों को लाभ देने सीधे यंत्र प्रदाता कंपनियों के बैंक खाते में किया। मामले में लाभान्वित का चयन भी मनमाने ढंग से किया। जैसे एक ही परिवार के सदस्यों को यंत्र दिए। इसके अलावा सभी यंत्र एमपी स्टेट एग्रो इंडस्ट्री डेवलपमेंट काॅर्पोरेशन लिमिटेड एवं प्रतिष्ठित निर्माण कंपनी से लिए जाने थे।
अधिकारियों ने ऐसा नहीं किया। अधिकारियों ने भौतिक सत्यापन भी नहीं कराया। राज्य शासन के अनुमोदन के बिना कृषक अंश का भुुगतान आरटीजीएस/एनएफटी/ बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से संबंधित कंपनी फर्म के खाते में भुगतान की अनुमति दे दी। योजना में कोई भी संशाेधन राज्य सरकार ही कर सकती है। जांच के दौरान यंत्र प्रदाता कंपनियों के मैनेजर/ संचालकों ने भी कि निर्धारित यंत्र की कीमत का 50 प्रतिशत किसानों से नकद प्राप्त किया है। उसकी रसीद भी किसानों को दी जो कि नियम के खिलाफ है।
किसानों को डेढ़ लाख रुपए वाला यंत्र पाॅवर ट्रिलर ना बेचते हुए 60 हजार रुपए कीमत वाला रोटरी ट्रिलर बेचा। अधिकारियों ने नियमों के विरुद्ध जिला स्तरीय तकनीकी समिति से भौतिक सत्यापन कराने के बजाय विकासखंड स्तर पर पदस्थ ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी स्तर के अधिकारियों से भौतिक सत्यापन कराया। कंपनियों ने यंत्र वितरण के दौरान अतिरिक्त राशि भी ली। कंपनियों ने लाभान्वित का चयन भी स्वयं ही कर उनसे नकद राशि ली तथा बिल विभाग में लगाकर अनुदान की राशि अपनी फर्म के खाते में प्राप्त की।
अनार के पौधों एवं ड्रिप इरिगेशन सिस्टम के भुगतान में भी अनियमितता
अनार के पौधों एवं ड्रिप इरिगेशन सिस्टम के भुगतान में भी अनियमितता पाई। इसमें भी पौधा वितरण कंपनी एवं िड्रप इरीगेशन संयंत्र कंपनी को भुगतान कर दिया। योजना के अनुसार विभागीय अधिकारियों को प्रथम आओ, प्रथम पाओ की नीति का पालन करना था लेकिन एेसा नहीं किया। इसके अलावा कंपनियों ने सीधे ही किसानों से भुगतान लिया। योजना में दूसरे साल 80 प्रतिशत एवं तीसरे साल 90 प्रतिशत पौधे जीवित होने पर ही अनुदान राशि का भुगतान किया जाना था। भुगतान पौधा वितरण के साथ ही कर दिया। मामले में लोकायुक्त ने सभी आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, षड्यंत्र, आपराधिक न्याय भंग की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है।
कार्रवाई : लोकायुक्त ने इन अधिकारियों के खिलाफ दर्ज किया प्रकरण
तत्कालीन संचालक उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी मप्र भोपाल सत्यानंद
तत्कालीन उपसंचालक उद्यानिकी मनीष चौहान
ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी एवं सह प्रभारी वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी विकास खंड मल्हारगढ़ राजेश जाटव
ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी वनवारी वर्मा
ग्रामीण विस्तार उद्यान अधिकारी पप्पूलाल पाटीदार
ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी एवं वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी विकासखंड गरोठ राजेश मईड़ा
ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी एवं वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी भानपुरा सत्यम मंडलोई
ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी एवं वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी मंदसौर सुरेश सिंह धाकड़
ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी दिनेश पाटीदार
गणेश ट्रेडिंग कंपनी जबलपुर के प्रोपराइटर गुजरात निवासी सुरेश मणिभाई पटेल
छत्तीसगढ़ इंटरप्राइजेज प्रोपराइटर सुरेश मणिभाई पटेल
जेएम इंटरप्राइजेज हरिनगर दुर्ग प्रोपराइटर मितुलभाई पिता प्रवीण भाई पटेल
एबीसी एग्रो बाॅयोटेक कंपनी प्राइवेट लिमिटेड डायरेक्टर मिहिर पंड्या
एबीसी एग्रोबॉयोटेक कंपनी गुजरात के डायरेक्टर मंगलम शिवदासन {कृति इंडस्ट्रीज लि. पीथमपुर धार के मैनेजिंग डायरेक्टर शिवसिंह मेहता